विद्युत आपूर्ति में यह दिक्कतें आम
राज्य में जोधपुर, जयपुर, अजमेर डिस्कॉम से उपभोक्ताओं को आमतौर पर फॉल्ट, ट्रिपिंग, कम वोल्टेज, खराब मीटर बदलने में देरी जैसी शिकायतें रहती हैं। अजमेर में टाटा पावर के पास शहरी क्षेत्र की लाइन-बिजली के मीटर रखरखाव की जिम्मेदारी है। जबकि अजमेर डिस्कॉम अन्य शहरों व ग्रामीण इलाकों की व्यवस्था देखता है।
हर्जाना लेने में पीछे
राज्य के विभिन्न डिस्कॉम में बीते वित्तीय वर्ष में 30 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई। इनमें से 5 लाख से ज्यादा शिकायतों का भी समय पर समाधान नहीं हुआ। महज चार-पांच हजार उपभोक्ताओं ने हर्जाना लेने का प्रयास किया। राज्य में 60 प्रतिशत उपभोक्ताओं को तो इसकी जानकारी तक नहीं है।
दंश देते, दाग नहीं लेते. .
राज्य के डिस्कॉम सहित टाटा पावर उपभोक्ताओं को तो दंश देती है लेकिन खुद पर किसी तरह का दाग नहीं चाहती। हर्जाने के केस बढऩे पर उन्हें आर्थिक चपत और उपभोक्ता सेवा में कमियों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। अधिकारियों को नोटिस, सर्विस बुक में रिमार्क जैसी परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।
हर्जाने का यूं करें दावा
-राज्य विद्युत विनियामक आयोग से एसओपी की लें जानकारी
-सभी डिस्कॉम की वेबसाइट पर एसओपी मौजूद
-निर्धारित प्रोफार्मा में कर सकते हैं आवेदन
-हर्जाना नहीं मिलने पर डिस्कॉम में अपील
-डिस्कॉम में नहीं सुनवाई तो जाएं विद्युत विनियामक आयोग
कितना हर्जाना दिया. . डाटा नहीं
अजमेर, जयपुर और जोधपुर डिस्कॉम ने चालू वित्तीय वर्ष के सात महीने में उपभोक्ताओं को कितना हर्जाना दिया इसका आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। हर्जाना किस मद में कितना दिया जाता है इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। चालू वित्तीय वर्ष में जुलाई तक अलग-अलग तरह की करीब 5 लाख से ज्यादा शिकायतें हो चुकी हैं।
विद्युत संबंधित सेवाओं में देरी पर हर्जाना देने का प्रावधान है। अजमेर सिटी क्षेत्र में तो निजी कंपनी के पास जिम्मेदारी है। अन्य इलाकों में डिस्कॉम व्यवस्था देखता है। निश्चित तौर पर हम इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ाएंगे।
एन.एस. निर्वाण, एमडी अजमेर डिस्कॉम