कॉलेज और आयुर्वेद विभाग की जमीन कायड़ रोड और अजमेर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। सह आचार्य डॉ. आर.एन. चौधरी की मानें तो कॉलेज को 12 बीघा जमीन आवंटित की गई है। इसके एक हिस्से में भवन बना हुआ है। पिछला और पास का हिस्सा खाली है। आयुर्वेद विभाग जमीन के कुछ हिस्से को अपना बताता रहा है।
आयुर्वेद विभाग की मानी जाए तो सरकार ने कायड़ रोड के दोनों ओर जमीन आवंटित की है। इसके एक हिस्से में कार्यालय बना हुआ है। जबकि लॉ कॉलेज के निकट भी उसकी जमीन है। कॉलेज ने बिना पैमाइश कराए जमीन के कुछ हिस्सा को अपनी सीमा में मिला रखा है। दोनों संस्थाओं की जमीन की वास्तविक पैमाइश, खसरा नक्शों के बिना इस पर निर्माण कार्य नहीं कराया जाना चाहिए।
जमीन का विवाद और बजट नहीं मिलने से लॉ कॉलेज की चारदीवारी का मामला अटका हुआ है। कॉलेज ने फरवरी-मार्च में विकास समिति की बैठक में तारबंदी का प्रस्ताव पारित किया। लेकिन कोरोना संक्रमण में सरकार के वित्तीय खर्चों पर रोक लगा दी। लिहाजा यह प्रस्ताव अटक गया। उधर विवाद को हल करने के बजाय सरकार और जिला प्रशासन तमाशा देख रहे हैं।
-विद्यार्थियों के लिए कैंटीन
-नहीं है ऑडिटेरियम अथवा हॉल
-कॉलेज में आउटडोर-इंडोर गेम्स सुविधा
-युवा विकास केंद्र भवन
– हाइटेक कम्प्यूटर लेब
-गल्र्स कॉमन रूम फैक्ट फाइल
कॉलेज की स्थापना-2005
पाठ्यक्रम-एलएलबी,एलएलएम और डिप्लोमा कोर्स
अध्ययनरत विद्यार्थी-750
कार्यरत शैक्षिक स्टाफ-08