कायड़ रोड पर लॉ कॉलेज और आयुर्वेद विभाग के बीच ‘जमीनÓ का विवाद बना है। इसके चलते कॉलेज की ना चारदीवारी ना तारबंदी हो रही है। सरकार और जिला प्रशासन अपने ही दो महकमों का विवाद सुलझाने में नाकाम हैं।
वर्ष 2007-08 में सरकार ने महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय स्थित चौराहे पर 32 बीघा जमीन राजकीय कन्या महाविद्यालय को आवंटित की। छात्राओं की आवाजाही में परेशानी को देखते हुए महाविद्यालय ने वहां भवन बनाने से इन्कार कर दिया। बाद में सरकार ने 12 बीघा जमीन लॉ कॉलेज को आवंटित कर दी। तत्कालीन कांग्रेस राज में 2010-11 में लॉ कॉलेज का नया भवन बना था। इसके निकट आयुर्वेद विभाग की जमीन है।
कॉलेज की परेशानी
कॉलेज और आयुर्वेद विभाग की जमीन कायड़ रोड और अजमेर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। सह आचार्य डॉ. आर.एन. चौधरी की मानें तो कॉलेज को 12 बीघा जमीन आवंटित की गई है। इसके एक हिस्से में भवन बना हुआ है। पिछला और पास का हिस्सा खाली है। आयुर्वेद विभाग जमीन के कुछ हिस्से को अपना बताता रहा है।
कॉलेज और आयुर्वेद विभाग की जमीन कायड़ रोड और अजमेर-बीकानेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर है। सह आचार्य डॉ. आर.एन. चौधरी की मानें तो कॉलेज को 12 बीघा जमीन आवंटित की गई है। इसके एक हिस्से में भवन बना हुआ है। पिछला और पास का हिस्सा खाली है। आयुर्वेद विभाग जमीन के कुछ हिस्से को अपना बताता रहा है।
विभाग का है यह तर्क
आयुर्वेद विभाग की मानी जाए तो सरकार ने कायड़ रोड के दोनों ओर जमीन आवंटित की है। इसके एक हिस्से में कार्यालय बना हुआ है। जबकि लॉ कॉलेज के निकट भी उसकी जमीन है। कॉलेज ने बिना पैमाइश कराए जमीन के कुछ हिस्सा को अपनी सीमा में मिला रखा है। दोनों संस्थाओं की जमीन की वास्तविक पैमाइश, खसरा नक्शों के बिना इस पर निर्माण कार्य नहीं कराया जाना चाहिए।
आयुर्वेद विभाग की मानी जाए तो सरकार ने कायड़ रोड के दोनों ओर जमीन आवंटित की है। इसके एक हिस्से में कार्यालय बना हुआ है। जबकि लॉ कॉलेज के निकट भी उसकी जमीन है। कॉलेज ने बिना पैमाइश कराए जमीन के कुछ हिस्सा को अपनी सीमा में मिला रखा है। दोनों संस्थाओं की जमीन की वास्तविक पैमाइश, खसरा नक्शों के बिना इस पर निर्माण कार्य नहीं कराया जाना चाहिए।
ना चारदीवारी ना तारबंदी
जमीन का विवाद और बजट नहीं मिलने से लॉ कॉलेज की चारदीवारी का मामला अटका हुआ है। कॉलेज ने फरवरी-मार्च में विकास समिति की बैठक में तारबंदी का प्रस्ताव पारित किया। लेकिन कोरोना संक्रमण में सरकार के वित्तीय खर्चों पर रोक लगा दी। लिहाजा यह प्रस्ताव अटक गया। उधर विवाद को हल करने के बजाय सरकार और जिला प्रशासन तमाशा देख रहे हैं।
जमीन का विवाद और बजट नहीं मिलने से लॉ कॉलेज की चारदीवारी का मामला अटका हुआ है। कॉलेज ने फरवरी-मार्च में विकास समिति की बैठक में तारबंदी का प्रस्ताव पारित किया। लेकिन कोरोना संक्रमण में सरकार के वित्तीय खर्चों पर रोक लगा दी। लिहाजा यह प्रस्ताव अटक गया। उधर विवाद को हल करने के बजाय सरकार और जिला प्रशासन तमाशा देख रहे हैं।
नहीं है यह सुविधाएं….
-विद्यार्थियों के लिए कैंटीन
-नहीं है ऑडिटेरियम अथवा हॉल
-कॉलेज में आउटडोर-इंडोर गेम्स सुविधा
-युवा विकास केंद्र भवन
– हाइटेक कम्प्यूटर लेब
-गल्र्स कॉमन रूम फैक्ट फाइल
कॉलेज की स्थापना-2005
पाठ्यक्रम-एलएलबी,एलएलएम और डिप्लोमा कोर्स
अध्ययनरत विद्यार्थी-750
कार्यरत शैक्षिक स्टाफ-08
-विद्यार्थियों के लिए कैंटीन
-नहीं है ऑडिटेरियम अथवा हॉल
-कॉलेज में आउटडोर-इंडोर गेम्स सुविधा
-युवा विकास केंद्र भवन
– हाइटेक कम्प्यूटर लेब
-गल्र्स कॉमन रूम फैक्ट फाइल
कॉलेज की स्थापना-2005
पाठ्यक्रम-एलएलबी,एलएलएम और डिप्लोमा कोर्स
अध्ययनरत विद्यार्थी-750
कार्यरत शैक्षिक स्टाफ-08