जेएलएन अस्पताल के बाहर नजारा बदला नजर आया। बरसों से खुला और बिना जाम के दिखा। यहां खड़ी रहने वाली एम्बुलैंस को यातायात पुलिस और जिला प्रशासन ने हटवा दिया। ऐसा करते ही निजी एम्बुलेंस वाहनों के पार्किंग स्थल को खाली करवाने के बाद निजी एम्बुलेंस संचालक विरोध पर उतर आए। निजी एम्बुलेंस को स्थायी पार्र्किंग स्थल उपलब्ध नहीं करवाने तक गंभीर रोगी एवं मोर्चरी से शव भी नहीं उठाए गए।
अस्पताल के सामने मुख्य सड़क पर निजी एम्बुलेंस की पार्र्किंग के चलते सड़क पर आए दिन लगने वाले जाम एवं यातायात में अवरोध के चलते जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन की ओर से बुधवार को यहां खड़ी निजी एम्बुलेंस हो हटवा दिया गया। एम्बुलेंस संचालकों एवं चालकों ने जब पार्र्किंग के लिए जगह मांगी तो उन्हें जेएलएन अस्पताल में खड़ी करने की मौखिक बात कही।
जब एम्बुलेंस संचालक एम्बुलेंस/ गाडिय़ों को लेकर अस्पताल परिसर स्थित पार्र्किंग में लेकर गए तो पार्र्किंग ठेकेदार व कर्मचारियों ने एम्बुलेंस पार्र्किंग का शुल्क मांग लिया। इससे खफा होकर एम्बुलेंस संचालकों ने विरोध जताया।
एम्बुलेंस संचालक संजय ने बताया कि जब तक स्थायी समाधान नहीं होता तब तक गंभीर रोगी एवं मोर्चरी/ अस्पताल से शव परिवहन नहीं करने का निर्णय कर लिया। जेएलएन अस्पताल के आस-पास करीब 40 निजी एम्बुलेंस संचालित हैं। यह 24 घंटे रोड पर खड़ी रहती हैं। इसके चलते आसपास के इलाके में यातायात कई बार जाम हो जाता है।
रास्ता हुआ साफ, आवागमन सुगम
प्रशासन की ओर से निजी एम्बुलेंस को सड़क से पार्र्किंग हटाने से जेएलएन मार्ग पर यातायात सुचारू हो गया। निजी एम्बुलेंस की पार्र्किंग के लिए अस्पताल परिसर के पीछे मार्चरी मार्ग पर पार्र्किंग स्थल विकसित कर निजी एम्बुलेंस के लिए सुविधा उपलब्ध कराने से समस्या का समाधान हो सकता है। यह बात अलग है कि अस्पताल प्रशासन इसके लिए मंजूरी दे या नहीं। मगर इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब एम्बुलेंस संचालकों को वाहन पार्क करने का स्थान मुहैया करवाया जाए।
प्रशासन की ओर से निजी एम्बुलेंस को सड़क से पार्र्किंग हटाने से जेएलएन मार्ग पर यातायात सुचारू हो गया। निजी एम्बुलेंस की पार्र्किंग के लिए अस्पताल परिसर के पीछे मार्चरी मार्ग पर पार्र्किंग स्थल विकसित कर निजी एम्बुलेंस के लिए सुविधा उपलब्ध कराने से समस्या का समाधान हो सकता है। यह बात अलग है कि अस्पताल प्रशासन इसके लिए मंजूरी दे या नहीं। मगर इस समस्या का समाधान तभी संभव है जब एम्बुलेंस संचालकों को वाहन पार्क करने का स्थान मुहैया करवाया जाए।