हालांकि अभी तक इन मरीजों का शुगर लेवल अधिक आने के कारण ऑपरेशन और जांचों में भी दिक्कत आ रही है। अस्पताल के बर्न यूनिट वार्ड में ब्लैक फंगस के मरीज व संदिग्ध मरीजों को भर्ती किया गया है।
चिकित्सकों की बनाई टीम जवाहर लाल नेहरू अस्पताल में ब्लैक फंगस बीमारी से पडि़तों के इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज व अस्पताल प्रशासन ने चिकित्सकों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी है। ब्लैक फंगस के मरीजों की जांच के लिए चिकित्सकों की अलग से टीम बनाई गई है जो समन्वय के साथ काम करेगी। वहीं मॉनिटरिंग के लिए अलग टीम बनाई गई है। इनमें अलग-अलग विभागों के विशेषज्ञ चिकित्सकों को जिम्मा सौंपा गया है।
जांच रिपोर्ट के बाद ब्लैक फंगस की होगी पुष्टि अस्पताल में चार संदिग्ध मरीज भर्ती हैं। इनके रक्त व बायोप्सी जांच के नमूने बुधवार को लिए जाएंगे। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही ब्लैक फंगस की पुष्टि हो पाएगी। मंगलवार को इन मरीजों की शुगर जांच की गई लेकिन अधिकांश का लेवल अधिक आया। अस्पताल प्रशासन के अनुसार इलाज की व्यवस्थाएं एवं सभी दवाइयां उपलब्ध हैं।
संपर्क से नहीं फैलता ब्लैक फंगस विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो ब्लैक फंगस किसी के संपर्क में आने से नहीं फैलता है। ना ही हवा आदि के कारण फैलता है। इस बीमारी की प्रमुख वजह डायबिटीज है। कोरोना संक्रमित मरीजों को डायबिटीज कंट्रोल में करना जरूरी है।