script# Doctors strike : सरकार डबल सैलेरी देने को तैयार, डॉक्टर्स नहीं चाहते गले में घंटी बांधना | Doctors not available on double salary critical position in hospital | Patrika News

# Doctors strike : सरकार डबल सैलेरी देने को तैयार, डॉक्टर्स नहीं चाहते गले में घंटी बांधना

locationअजमेरPublished: Nov 11, 2017 11:44:55 am

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

संविदा पर मासिक 30 हजार से वेतन से बढ़ाकर 56 हजार रुपए करने के बावजूद डॉक्टर साहब रुचि नहीं दिखा रहे हैं।

doctors not available on double salary in hospitals

doctors not available on double salary in hospitals

चंद्रप्रकाश जोशी/अजमेर।

डॉक्टर्स की हड़ताल से परेशान सरकार नित नए उपाय कर रही है, लेकिन कामयाबी मिलती नहीं दिख रही। सेवारत चिकित्सक, इन्टन्र्स एवं रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल के बाद राज्य सरकार की ओर से जिला प्रशासन को स्थायीन स्तर पर चिकित्सकों की संविदा पर नियुक्ति के प्रयास के बावजूद चिकित्सक वॉक इन इन्टरव्यू में बहुत कम संख्या में पहुंचे। संविदा पर मासिक 30 हजार से वेतन से बढ़ाकर 56 हजार रुपए करने के बावजूद डॉक्टर साहब रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
जिला कलक्टर गौरव गोयल की ओर से संविदा पर चिकित्सकों की नियुक्ति कार्यक्रम घोषित करने के बाद सीएमएचओ कार्यालय 56 हजार रुपए मासिक वेतन पर दो चिकित्सकों का चयन हुआ। जिला कलक्टर के अनुसार प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर के पत्र एवं मुख्य सचिव एवं अति. मुख्य सचिव राजस्थान की ओर से वीडियो कॉन्फ्रेंस में दिए निर्देश के बाद 56 हजार रुपए प्रतिमाह के मानदेय पर दो चिकित्सकों की नियुक्ति कर पदस्थापन किया गया है।
संविदा पर डॉ. रजत उदावत को राजकीय सामान्य चिकित्सालय नसीराबाद एवं डॉ. हिमांशु विश्नोई को राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर में पदस्थापन किया गया है। जबकि डेली वेजेज पर 3000 एवं 4000- रुपए में दो चिकित्सकों को लगाया गया है।
इनमें से एक को किशनगढ़ के राजकीय यज्ञनारायण एवं एक कस्तूरबा गांधी चिकित्सालय में लगाया गया है। अपेक्षा से कम पहुंचे रहे चिकित्सकसंविदा पर नियुक्ति के मामले में जिले सहित प्रदेशभर के चिकित्सक रुचि नहीं दिखा रहे हैं। यह स्थिति तब है जब सरकार ने 30 हजार रुपए मासिक वेतन को बढ़ाकर 56 हजार रुपए प्रतिमाह देने की घोषणा कर दी है।
ना डॉक्टर ना सरकार झुकने को तैयार

पूरे प्रदेश में डॉक्टर्स की हड़ताल हुए पांच दिन बीत चुके हैं। वार्ताओं के कई दौर हो चुके हैं। इसके बावजूद ना डॉक्टर्स ना सरकार झुकने को तैयार है। सरकार ने रेस्मा लागू कर डॉक्टर्स की धरपकड़ शुरू कर दी है। इससे डॉक्टर्स के और भड़कने की संभावना है। हालांकि गिरफ्तारी के डर से परेशान कुछ डॉक्टर्स ने ड्यूटी ज्वाइन भी की है।
फिर भी 90 फीसदी से ज्यादा डॉक्टर हड़ताल में शामिल हैं। सरकार के सख्त कदम उठाने पर यह मामला राजस्थान से निकल कर दूसरे राज्यों में फैल सकता है। देश भर के डॉक्टर्स राजस्थान के चिकित्सकों, रेजीडेंट्स और मेडिकल स्टाफ को समर्थन दे सकते हैं। इससे पूरे भारत में चिकित्सा व्यवस्था ठप हो सकती है।
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