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डॉक्टर्स की हड़ताल से बिगड़े हालात, मेडिकल कॉलेज के 150 टीचर्स के फूले हाथ-पैर

locationअजमेरPublished: Dec 20, 2017 08:24:44 am

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या घट रही है। अब क 5 मरीजों की अस्पताल में मौत हो चुकी है।

doctors stirke in ajmer

doctors stirke in ajmer

अजमेर।

अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ एवं रेजीडेंट चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल पर चले जाने से अजमेर जिला ही नहीं बल्कि पूरे संभाग के चारों जिलों की चिकित्सा व्यवस्थाएं चरमराने लगी है। जेएलएन मेडिकल कॉलेज के करीब 150 चिकित्सक शिक्षकों के भरोसे अजमेर संभाग के मरीज हैं। वैकल्पिक व्यवस्था यूं तो सभी जिलों में आयुष एवं आयुर्वेद चिकित्सकों की गई है मगर इससे पार नहीं पड़ रहा है।
जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, पीएमओ स्तर के चिकित्सक, जिला चिकित्सालयों में सेवारत चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार पर चले जाने से पूरा दबाव जेएलएन अस्पताल पर आ गया है। गंभीर घायलों व गंभीर रोगियों को जेएलएन अस्पताल में पहुंचाने के बावजूद भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या घट रही है। अब क 5 मरीजों की अस्पताल में मौत हो चुकी है।
वैसे आम दिनों में भी जेएलएन अस्पताल में गंभीर रोगियों की मौतें होती रही हैं। जेएलएन अस्पताल के 210 रेजीडेंट चिकित्सकों के बाद शेष 60 और रेजीडेंट चिकित्सक कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए हैं। जेएलएन अस्पताल में अजमेर, टोंक, नागौर एवं भीलवाड़ा जिलों के मरीज भर्ती हैं। कैज्युल्टी के वार्ड मंगलवार को खाली हो गए, चिकित्सक भी अब मरीजों को कम ही भर्ती कर रहे हैं।
फैक्ट फाइल

-आईपीडी 54
-ओपीडी 1637

-मौत 05
-मेजर ऑपरेशन 45

-माइनर ऑपरेशन 10
कुल भर्ती मरीज 899यहां भी बिगडऩे लगी स्थिति

सैटेलाइट अस्पताल आदर्शनगर में नौ चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार कर दिया। नसीराबाद, ब्यावर, पुष्कर में भी पीएओ के अलावा कोई भी चिकित्सक ड्यूटी पर नहीं गए हैं।
यह सिटी डिस्पेंसरियां भी खाली
राजकीय सिटी डिस्पेंसरी श्रीनगर रोड, कस्तूरबा गांधी डिस्पेंसरी में भी चिकित्सक नहीं होने से मरीज भटकते रहे। अन्य चार-पांच डिस्पेंसरियों में भी यही हाल रहे।

प्राइवेट डॉक्टर्स करेंगे दो घंटे कार्य बहिष्कार
प्राइवेट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी राज्य सरकार को आगाह किया है कि सेवारत चिकित्सकों के साथ हुए समझौते को लागू करने के साथ दमनात्मक कार्यवाही नहीं की जााए। उन्होंने बुधवार को दो घंटे कार्य बहिष्कार की चेतावनी दी है। उधर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन ने भी राज्य सरकार को सेवारत चिकित्सकों के साथ हुए समझौते को लागू करने की मांग की है।
रेजीडेंट चिकित्सकों के हॉस्टल में दबिश
रेजीडेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र लामरोड़ के अनुसार पुलिस की ओर से रेजीडेंट चिकित्सकों के हॉस्टल में रेजीडेंट चिकित्सकों के पकडऩे व गिरफ्तारियों के लिए दबिश दी गई। लेकिन सोमवार रात्रि में ही रेजीडेंट चिकित्सक हॉस्टल से निकल गए। अब रेजीडेंट चिकित्सकों के घरों पर दबिश दी जा रही है।
सरकार करे वार्ता की पहल
जिले के अधिकांश सेवारत चिकित्सक, रेजीडेंट चिकित्सक आदि भूमिगत हैं। न ड्यूटी पर न घरों में, ऐसे में राज्य सरकार को वार्ता की पहल कर आमजनता के हित में आगे आकर हड़ताल को समाप्त करवाने के प्रयास करने चाहिए। सेवारत चिकित्सक संघ के प्रदेश प्रतिनिधि व जिला उपाध्यक्ष डॉ. अनन्त कोटिया ने भी सोशल मीडिया के जरिए बयान वायरल किया है। इसमें सरकार को समझौते को लागू कर चिकित्सकों से वार्ता करने की बात कही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि प्राइवेट डॉक्टर्स, मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन भी हड़ताल पर उतर सकते हैं।

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