scriptमरीजों के भगवान उतरे हड़ताल पर, अस्पतालों में बेइलाज हुई मौत | Doctors strike-pateints in government hospital face problem | Patrika News

मरीजों के भगवान उतरे हड़ताल पर, अस्पतालों में बेइलाज हुई मौत

locationअजमेरPublished: Dec 19, 2017 08:20:44 am

Submitted by:

Prakash Chand Joshi

भगवान के हड़ताल के जाने से हालात खराब होने लगे हैं। कई डॉक्टर गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं।

doctors on strike

Hart’s Re-Do Surgery

अजमेर।

अखिल सेवारत चिकित्सक संघ के आह्वान पर जिले में करीब 250 सेवारत चिकित्सकों ने कार्य बहिष्कार किया। जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के सभी रेजीडेंट कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए हैं। जिलेभर में चिकित्सकों के ड्यूटी पर नहीं होने से हालात खराब हो गए है। चिकित्सा सुविधा के लिए मरीज भटकते रहे। मरीजों के भगवान के हड़ताल के जाने से हालात खराब होने लगे हैं। कई डॉक्टर गिरफ्तारी से बचने के लिए भूमिगत हो गए हैं। जबकि कई हड़ताल में शामिल हैं।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपखण्ड मुख्यालयों के सभी चिकित्सालय, जिला चिकित्सालयों में सेवारत चिकित्सकों के कार्य बहिष्कार व भूमिगत हो जाने से चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई। जेएलएन मेडिकल कॉलेज के संबद्ध जेएलएन अस्पताल के रेजीडेंट चिकित्सक भी सोमवार सुबह 8 बजे एक साथ कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए। इसके चलते जेएलएन अस्पताल, राजकीय जनाना अस्पताल, राजकीय सैटेलाइट अस्पताल आदर्शनगर में भी कामकाज प्रभावित हो गया। सरकार द्वारा रेस्मा लगाने के बावजूद प्रदेश और जिले में डॉक्टर्स की हड़ताल पूरी तरह कामयाब रही है।
पुलिस की ओर से पाबंद , करीब 21 चिकित्सक ड्यूटी पर :
पुलिस की ओर से जिलेभर में पाबंद किए गए व अन्य करीब 21 चिकित्सक ड्यूटी दे रहे हैं। शहर की राजकीय डिस्पेंसरी वैशालीनगर, रामगंज, डिग्गीबाजार डिस्पेंसरी, रामनगर व पुलिस लाइन डिस्पेंसरी में चिकित्सक ड्यूटी पर रहे हैं।
यह की व्यवस्था :
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आयुष व आयुर्वेद विभाग के 150 चिकित्सकों की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए डड्यूटी लगाई गई है। वहीं एम्बुलेंस 108 के पायलट को निर्देश दिए गए हैं कि गंभीर मरीज को पीएचसी, सीएचसी की बजाय सीधे जेएलएन अस्पताल पहुंचाया जाए।
नवम्बर में की थी हड़ताल
डॉक्टर्स ने वेतनमान संशोधन सहित ३३ मांगों को लेकर नवम्बर में हड़ताल की थी। प्रदेश भर में करीब एक सप्ताह तक हालात विकट हो गए थे। चिकित्सा मंत्री कालीचरण सर्राफ और डॉक्टर्स के बीच कई बार वार्ता हुई पर नतीजा बेअसर रहा। बाद में कुछ मांगों पर सहमति पर हड़ताल टूटी, लेकिन सरकार ने हड़ताल में शामिल डॉक्टर्स के तबादले करने से डॉक्टर फिर नाराज हो गए हैं।
जिले के करीब 250 सेवारत चिकित्सक हड़ताल पर हैं। वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 150 आयुष व आयुर्वेद चिकित्सक लगाए गए हैं।

-डॉ. के.के. सोनी, सीएमएचओ अजमेर

ट्रेंडिंग वीडियो