अजमेर

दो टूक… जानते नहीं, मैं कौन हूं !

लॉक डाउन में कई लोग पुलिस से ऐसे उलझ रहे हैं जैसे पुलिस ही सबसे बड़ी दुश्मन है। मानो कोरोना वायरस को पुलिस ही लाई है। पढ़े —दो टूक…

अजमेरMar 26, 2020 / 03:12 pm

युगलेश कुमार शर्मा

दो टूक… जानते नहीं, मैं कौन हूं !

अमित वाजपेयी

शर्म आनी चाहिए! खुद को ‘बड़ा आदमीÓ मानने वाला एक शख्स मास्क लगाए बिना न सिर्फ घर से निकला, बल्कि पुलिस से उलझ भी पड़ा। पुलिस ने इतना ही तो पूछा था कि आप, घर से क्यों निकले? कहां जा रहे हो? और मास्क क्यों नहीं लगाया? शख्स बिफर उठा। पुलिस पर रौब जमाने लगा, जानते नहीं कि मैं कौन हूं? यह घटना तो अजमेर के क्रिश्चियन गंज थाने के ठीक सामने की है लेकिन सिर्फ बानगी के रूप में। इन दिनों राज्य में ऐसी बहस कई जगह सामने आ रही है। कई लोग पुलिस से ऐसे उलझ रहे हैं जैसे पुलिस ही सबसे बड़ी दुश्मन है। मानो कोरोना वायरस को पुलिस ही लाई है।
दरअसल, जरूरत हालात को समझने और समझाने की है।
कोरोना को हराने के लिए पूरी दुनिया जूझ रही है। दुनिया के समृद्ध देश भी इसके सामने विवश हैं। इसी के खतरे के चलते राजस्थान में भी लॉकडाउन है। सिर्फ इसलिए कि लोग घर में रहें, सुरक्षित रहें। किसी एक के संक्रमण से कोई दूसरा संक्रमित न हो। यह खतरनाक वायरस फैले नहीं। कोई भी इस जानलेवा वायरस का शिकार न हो। इस भयानक खतरे के बीच भी पुलिस, डॉक्टर और मीडिया मैदान में डटे हैं। ताकि लोगों को समझा सकें। एहतियात और काम के बिना निकले लोगों को घरों तक सीमित रख सकें। क्योंकि भीलवाड़ा और मुम्बई की घटनाएं हमारे सामने हैं। कहीं किसी की लापरवाही तो कहीं दुस्साहस के कारण अनेक लोगों पर संक्रमण का साया मंडराने लगा। पुलिस और सरकार इसी कारण एहतियात बरत रही है, जो सभी लोगों को बरतनी चाहिए।
इस महामारी के खतरे पर विराम तब ही सम्भव है, जब सब मिलकर लड़े। धैर्य और गम्भीरता के साथ। घर में रहें, स्वच्छता रखें। अति आवश्यक काम हो तो ही घर से निकलें। वह भी पूरे एहतियात और सावचेती के साथ। पुलिस को यह बताने के लिए सड़कों पर न घूमें कि ‘जानते नहीं हो, मैं कौन हूं।Ó जिसे अपनी पहचान पर गुमान है, वह एक दिन के लिए पुलिस के साथ सड़क पर खड़ा हो। महामारी के खतरे के बीच लोगों से समझाइश करे। जब बार-बार समझाने के बावजूद दुस्साहसी लोग सामने आते रहेंगे तो स्वत: समझ में आ जाएगा कि पुलिस कितने धैर्य से अपने फर्ज को अंजाम दे रही है।
ऐसे में कोई न समझे तो डांटने का हक तो उसका बनता ही है। इसलिए कुछ दिन सब्र रखिए। पुलिस से नाहक सवाल मत करिए। क्योंकि पुलिस तो पहले से जानती है। कोरोना नहीं जानता कि आप कौन हैं?
जरूरत इस बात की है कि हम पुलिस को नहीं बल्कि दुनिया को दहला रहे कोरोना वायरस को अपनी पहचान बताएं। दिखा दें हम भारतीय हैं। देश-समाज पर कभी आंच नहीं आने देते। कुछ दिन घर में रहना कौनसी बड़ी बात है।
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