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अजमेर

बिना सर्वे ही तैयार हो रही डीपीआर,तकनीक से परहेज कर रहे अभियंता

जयपुर रोड द्वितीय चरण का हाल

अजमेरAug 13, 2020 / 08:55 pm

bhupendra singh

Smart City Project :  कुछ टेण्डर आमंत्रित तो कुछ में हुआ काम शुरू

Smart City Project : कुछ टेण्डर आमंत्रित तो कुछ में हुआ काम शुरू

अजमेर.जयपुर रोड jaipur road सिक्स लेन six lain के द्वितीय चरण के कार्य के लिए स्मार्ट सिटी smar tcity के अभियंता engineers करोड़ों रुपए की केन्द्रीय योजना में केवल रफ स्टीमेट के आधार पर ही निविदाएं जारी कर रहे हैं। पूर्व में सवालों के घेरे में आ चुके अभियंता निविदा जारी करने से पूर्व होमवर्क भी नहीं कर रहे है। जयपुर रोड के सिक्सलेन के कार्य लिए सर्वेsurvey की जरूरत को ही नकार दिया गया है। इतना ही नहीं अतिरिक्त मुख्य अभियंता द्वारा जयपुर रोड को सिक्सलेन करने के लिए सभी नियम कायदे ताक पर रख दिए। उन्होनें प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसलटेंसी pmc (पीएमसी) को बिना ट्रैफिक सर्वे व अन्य जांचों के ही डीपीआरDPR तैयार करने निर्देश दिए।
तैयार प्रस्ताव की खामियां
अम्बेडकर सर्किल से यूनिवर्सिटी तिराहे तक 6 लेन जितना ट्रैफिक होना चाहिए जिसे ट्रैफिक सर्वे कर जाना जा सकता था लेकिन यह रोड 6 लेन के लिए उपयुक्त नहीं हो सकेगी। अम्बेडकर सर्किल से यूनिवर्सिटी तिराहे तक जयपुर रोड को फोरलेन से सिक्सलेन किया जा रहा है। प्रस्ताव एडीए द्वारा बिना किसी टेस्ट व ट्रैफिक सर्वे के लिए सिक्सलेन के लिए 29 करोड़ का तकमीना तैयार किया गया है। जिसमें निर्माण लागत से अधिक तो यूटिलीटी सिफटिंग का काम है।
पुष्कर बाइपास से जाते हैं भारी वाहन
जबकि वर्तमान स्थित यह है कि भारी वाहनों का ट्रैफिक पुष्कर बाईपास एनएच 79 यूनिवर्सिटी तिराहे से डायवर्ट हो जाता है। शहर की ओर लाइट मोटर व्हीकल ही अधिक आते हैं। वर्तमान में सडक़ की स्थिति ठीक है मात्र सडक़ की राइडिंग क्वालिटी बढ़ाया ही ठीक है। अत: इसकी स्ट्रैथनिंग करवाना वित्तीय रूप से ठीक नहीं होगा। इसके लिए बीवीडी डिफलेक्सन टेस्ट करवाना होता है साथ ही वर्तमान सडक़ की विभिन्न लेयर की मोटाई की आवश्यकता होती है। इस टेस्ट से सडक़ को स्ट्रैंथनिंग करना होगा या नहीं ज्ञात होता है। एडीए अभियंताओं द्वारा बिना किसी टेस्ट के ही तकनीकी रूप से गलत स्टीमेट तैयार किया गया है।
पहले ड्रॉप,एबीडी के बाहर अब अंदर
यह सडक़ एरिया बेस्ड डवलपमेंट (एबीडी) एरिया से बाहर है एवं पूर्व में भी स्मार्टसिटी के चेयरमैन मंनजीत सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा बोर्ड की बैठक में एबीडी ऐरिया से बाहर होने के कारण असहमति दर्शाई जा चुकी है। बिना ठोस वजह के इसे शामिल कर लिया गया है। स्मार्ट सिटी के तहत रोड सरफेसिंग के लिए 25 करोड़ का प्रावधान लिया गया है जिससे एबीडी एरिया की सडक़ों का चयन किया जाना चाहिए था।
6 महीने लगेंगे यूटिलिटी शिफ्टिगं
अम्बेडकर सर्किल से घूघरा घाटी तक सडक़ को सिक्सलेन करने हेतु आवश्यक चौड़ाई में जमीन उपलब्ध नहीं है। विभिन्न विभागों द्वारा यूटिलिटी शिफ्ट नहीं की गई है। इसके बावजूद यदि निविदा आमंत्रित की जाती है तो कार्य करने में देरी के कारण समय व धन दोनो का नुकसान होगा। नियमानुसार निविदा से पूर्व संवेदक को बाधा रहित साइट उपलब्ध करवानी होती है।
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