scriptडॉ. गोखरू पर जाली दस्तावेजों से 2.32 लाख का भुगतान उठाने का आरोप, मुकदमा दर्ज | Dr. Gokhru accused of lifting the payment of 2.32 lakh forged document | Patrika News
अजमेर

डॉ. गोखरू पर जाली दस्तावेजों से 2.32 लाख का भुगतान उठाने का आरोप, मुकदमा दर्ज

जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य व हृदय रोग विभागाध्यक्ष रह चुके हैं डॉ. आर.के. गोखरू, विदेश यात्रा के नाम पर कूटरचित दस्तावेजों से भुगतान उठाने का लगा आरोप

अजमेरOct 31, 2021 / 01:51 am

manish Singh

डॉ. गोखरू पर जाली दस्तावेजों से 2.32 लाख का भुगतान उठाने का आरोप, मुकदमा दर्ज

डॉ. गोखरू पर जाली दस्तावेजों से 2.32 लाख का भुगतान उठाने का आरोप, मुकदमा दर्ज

अजमेर. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से सेवानिवृत्त हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.आर.के.गोखरू के खिलाफ विदेश यात्रा के नाम पर कूटरचित दस्तावेजों से 2.32 लाख रुपए का भुगतान उठाने का आरोप लगा है। परिवादी की रिपोर्ट पर सदर कोतवाली थाना पुलिस ने डॉ. गोखरू व तत्कालीन अतिरिक्त प्रधानाचार्य के खिलाफ पद का दुरुपयोग करते हुए कूटरचित दस्तावेज से भुगतान प्राप्त करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है।
इस्तगासे पर आदेश
परिवादी बापूनगर निवासी नवीन माहेश्वरी ने कोर्ट इस्तगासे के जरिए मुकदमा दर्ज करवाया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि डॉ. गोखरू ने तत्कालीन अतिरिक्त प्रधानाचार्य से मिलीभगत कर 2013 से मार्च 2021 तक स्वयं द्वारा की गई यात्रा का खर्च 2 लाख 32 हजार 539 रुपए पुनर्भरण के लिए विभागीय नोटशीट पर ले लिया। डॉ. गोखरू ने बढ़ा-चढ़ाकर यात्रा का बिल पेश किया। जिसका भुगतान भी डॉ. गोखरू ने प्राप्त कर राजकोष को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने माहेश्वरी की रिपोर्ट पर मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया। प्रकरण की जांच एएसआई पूरण कर रहे है।
बिना सक्षम स्वीकृति के विदेश यात्रा!

माहेश्वरी के अनुसार राज्य सरकार ने जून 2021 में स्पष्ट आदेश दिए कि विदेश यात्रा और हवाई यात्रा करने से पूर्व सक्षम अधिकारी से स्वीकृति लेना अनिवार्य है। इससे पूर्व भी 2010 व 2012 के विभागीय आदेश में अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स में शामिल होने के लिए राज्य सरकार की ओर से कोई वित्तीय भार वहन नहीं करना स्पष्ट किया गया है।
5 साल पहले प्रयास शुरू किए प्रयास

रिपोर्ट में कहा गया है कि डॉ गोखरू ने यात्रा बिल के भुगतान के लिए पांच साल पहले 2016 से प्रयास शुरू कर दिए थे। कूटरचित बिल और काल्पनिक तथ्यों के आधार पर विभागीय नोटशीट पर लेकर अन्तरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेन्स में शामिल होने का बिल पेश कर दिया। जबकि कॉन्फे्रन्स किसी भी वाणिज्यिक उद्देश्य से आयोजित नहीं की गई थी।
इनका कहना है…
मैंनें जो भी विदेश यात्रा की है वो नियमानुसार की। उसकी राज्य सरकार से स्वीकृति ली गई थी। मुकदमा दर्ज हुआ है तो पुलिस जांच में स्पष्ट हो जाएगा।

-डॉ. आर.के. गोखरू, सेवानिवृत्त चिकित्सक
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