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मालिक की मौत के बाद भी ड्राइवर-नौकर बैंक खाते से निकालते रहे रकम!

locationअजमेरPublished: Jan 29, 2022 03:21:49 am

Submitted by:

manish Singh

मृतक के पुत्र ने अलवर गेट थाने में दर्ज करवाया मुकदमा, आरोपियों ने बैंक खाते से पेटीएम में की रकम ट्रांसफर

मालिक की मौत के बाद भी ड्राइवर-नौकर बैंक खाते से निकालते रहे रकम!

मालिक की मौत के बाद भी ड्राइवर-नौकर बैंक खाते से निकालते रहे रकम!

अजमेर.

चिकित्सा विभाग से सेवानिवृत्त प्रशासनिक अधिकारी के बैंक खाते से चालक और घरेलू नौकर ने षडय़ंत्रपूर्वक तीन लाख 95 हजार रुपए की निकासी कर ली। आरोपी मालिक की मृत्यु के बावजूद मोबाइल सिमकार्ड गुम होने की कहानी बयान कर खाते से रकम की निकासी करते रहे। मृतक के पुत्र ने मामले में अलवर गेट थाने में कार चालक व घरेलू नौकर पर धोखाधड़ी पूर्वक चोरी का मुकदमा दर्ज करवाया है।
सिविल लाइन रेवेन्यू बोर्ड के पीछे रहने वाले राजीव गुप्ता ने बताया कि कुन्दन नगर निवासी उसके पिता राधामोहन गुप्ता चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रशासनिक अधिकारी के पद से सेवानिवृत्त थे। उनका 28 दिसम्बर 2021 शाम साढ़े 4 बजे देहान्त हो गया। उनका एसबीआई बैंक में खाता था। ब्यावर रोड निवासी अमित जैन उसके पिता की कार चलाता था जबकि कुन्दन नगर निवासी चन्द्रशेखर घरेलू नौकर था। उसने आरोप लगाया कि अमित व चन्द्रशेखर ने धोखाधड़ी व षडयंत्रपूर्वक उसके पिता के बैंक खाते से तीन लाख 95 हजार रुपए की रकम निकासी कर ली।
रिपोर्ट में बताया कि पिता के देहान्त के समय अमित व चन्द्रशेखर उनके पास थे। उनके देहांत के बाद उन्हें पलंग से नीचे उतारते समय चन्द्रशेखर ने योजनाबद्ध तरीके से मोबाइल फोन व बैट्री गिरने व सिमकार्ड गुम होना बताया। दूसरे दिन घर में तलाश करने पर भी सिमकार्ड नहीं मिला। पूछने पर दोनों ने अनभिज्ञता जाहिर कर दी। लेकिन जब उसने बैंक की पासबुक में इन्द्राज कराया तो चला कि 4 जून से 29 दिसम्बर 2021 तक पिता के बैंक खाते से तीन लाख 95 हजार रुपए की निकासी होना पता चला। पुलिस ने गुप्ता की रिपोर्ट पर धोखाधड़ी व चोरी का मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू कर दिया।
लम्बे समय से कर रहे थे निकासी!
गुप्ता ने बताया कि 28 दिसम्बर 2021 को एटीएम से 5 हजार व दाह संस्कार वाले दिन 29 दिसम्बर को फिर से पेटीएम से 5 हजार रुपए ड्राइवर अमित जैन के खाते में ट्रांसफर हुए। गुप्ता ने बताया कि जिन दोनों मोबाइल फोन के सिमकार्ड गायब हुए उसे नौकर चन्द्रशेखर ही सुनता था। गुप्ता ने बताया कि उसे जानकारी मिली कि चालक अमित जैन व घरेलू नौकर चन्द्रशेखर लम्बे समय से ओटीपी नम्बर प्राप्त कर पेटीएम से उसके पिता के बैंक खाते से रकम की निकासी कर रहे थे।

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