भारत हॉस्पिटल में नागौर जिला निवासी जयराम को परिजन ने बुधवार को भर्ती कराया। जयराम के भांजे ने बताया कि गुरुवार शाम जब वह मामा के स्वास्थ्य की जानकारी के लिए उनके पास बैठा था तो हॉस्पिटल के स्टाफ ने इंजेक्शन लाने के लिए पर्ची दी और बताया कि हॉस्पिटल में ही मेडिकल स्टोर से लाने हैं। उसे स्टोर संचालक ने दो इंजेक्शन दे दिए। उसने इंजेक्शन पर अवधिपार की तिथि देखी तो अप्रेल 2018 मिली। उसने हॉस्पिटल प्रबंधन व मेडिकल स्टोर संचालक के समक्ष विरोध जताया।
इस पर अस्पताल प्रबंधन ने इंजेक्शन वापस ले लिए और दूसरे इंजेक्शन थमा दिए। इस पर परिजन ने जिला कलक्टर, ड्रग इंस्पेक्टर, पुलिस अधीक्षक को शिकायत दी। कलक्टर आरती डोगरा के आदेश पर तुरंत औषधि नियंत्रण अधिकारी को कार्रवाई का आदेश दिया। बाद में टीम ने दबिश देकर जांच शुरू की। उधर परिजन ने हॉस्पिटल प्रबंधन पर दुव्र्यवहार का भी आरोप लगाया।
टीम ने की जांच, मिली अनियमितताएं औषधि नियंत्रण विभाग के मनीष कुमार, रविन्द्र सिंह हॉस्पिटल पहुंचे और यहां स्थित एसडीएमएचडीसी मेडिकल स्टोर में जांच शुरू की। प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि संबंधित इंजेक्शन का क्रय बिल नहीं मिला। वहीं अन्य दवाइयों से संबंधित जांच रिपोर्ट तैयार की। शुक्रवार को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
भारत हॉस्पिटल में अवधिपार इंजेक्शन देने की शिकायत पर टीम भेजकर जांच कराई गई। बयान में हॉस्पिटल स्थित एसडीएमएचडीसी मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि उसकी पत्नी के लिए इंजेक्शन लाए गए थे, वे रखे थे, जिसे काम करने वाले व्यक्ति ने थमा दिए। जबकि अवधिपार पाए गए इंजेक्शन के क्रय बिल नहीं मिले हैं। जांच रिपोर्ट मिलने पर मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलम्बित किया जाएगा।
ईश्वर यादव, सहायक औषधि नियंत्रक