कोरोना गाइडलाइंस के चलते लगातार दूसरे साल विजयदशमी पर पटेल मैदान सूना रहा। ना रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के 70 से 80 फुट के पुतलों का दहन हुआ ना लोगों की भीड़ उमड़ी। परम्परागत रामलीला का मंचन भी नहीं हुआ। अलबत्ता बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक स्वरूप शहर की विभिन्न कॉलोनियों और गली-मोहल्लों में छोटे पुतलों का दहन किया गया। प्रतिबंध के चलते पटाखों की आवाज नहीं सुनाई दी।
अग्रवाल पंचायत घसेटी धड़ा के तत्वावधान में 150 साल पुरानी परम्परानुसार विजयदशमी पर्व मनाया गया। शाम 5.30 बजे घसेटी स्थित रघुनाथ भगवान मंदिर से गाजे-बाजे और ढोल-ढमाकों संग चांदी की पालकी में भगवान राम की सवारी निकाली गई। लोगों ने जयकारे लगाते हुए स्वागत किया। सवारी मदार गेट-रेलवे स्टेशन, केसरगंज होते हुए रावण की बगीची ऊसरी गेट पहुंची।
हुआ प्रतीकात्मक रावण दहन रावण के पुतले का प्रतीकात्मक दहन किया गया। शहरवासियों को कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई। धड़े के डॉ विष्णु चौधरी, सुरेश गोयल, मुकेश चौधरी और अन्य मौजूद रहे। कोरोना गाइडलाइन के चलते कार्यक्रम सांकेतिक रखा गया। आरती और पूजन के बाद भगवान रामजी की पालकी पुन: घसेटी स्थित मंदिर पहुंची।
छोटे पुतलों का दहन
वैशाली नगर, शास्त्री नगर, कोटड़ा, पंचशील, आदर्श नगर, नसीराबाद रोड, रामगंज, सुभाष नगर, फायसागर रोड, मदार, गुलाबबाड़ी और अन्य इलाकों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के कागज-गत्ते और लकडिय़ों से निर्मित छोटे पुतले फूंके गए। लोगों ने बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में दशहरा मनाया। सड़क किनारे बैठे कलाकारों के पुतले बिक गए।
वैशाली नगर, शास्त्री नगर, कोटड़ा, पंचशील, आदर्श नगर, नसीराबाद रोड, रामगंज, सुभाष नगर, फायसागर रोड, मदार, गुलाबबाड़ी और अन्य इलाकों में रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के कागज-गत्ते और लकडिय़ों से निर्मित छोटे पुतले फूंके गए। लोगों ने बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में दशहरा मनाया। सड़क किनारे बैठे कलाकारों के पुतले बिक गए।
नहीं सुनाई दिए पटाखे
कोरोना गाइडलाइन और सरकारी की रोक के चलते शहर में रंगबिरंगी आतिशबाजी और पटाखों के धमाके नहीं सुनाई दिए। मालूम हो कि पटाखे चलाने पर 2 हजार और बेचने पर 10 हजार का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। शहर में लगातार दूसरे साल पटाखों की दुकानों के लाइसेंस जारी नहीं हुए हैं।
कोरोना गाइडलाइन और सरकारी की रोक के चलते शहर में रंगबिरंगी आतिशबाजी और पटाखों के धमाके नहीं सुनाई दिए। मालूम हो कि पटाखे चलाने पर 2 हजार और बेचने पर 10 हजार का जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। शहर में लगातार दूसरे साल पटाखों की दुकानों के लाइसेंस जारी नहीं हुए हैं।