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सरसों की चमक का असर, उबलने लगे तेल के भाव

locationअजमेरPublished: Aug 07, 2020 11:36:38 pm

Submitted by:

Amit

प्रति क्विंटल सरसों के दाम 5 हजार पारमांग के अनुपात मेें सरसों की आपूर्ति में गिरावट का असर

Flowers blooming in stone: Mustard growing in 15 acres stone land

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गंगापुरसिटी. पीला सोना कही जाने वाली सरसों के दाम इन दिनों रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए हंै। बाजार में मांग के अनुसार सरसों की आपूर्ति नहीं होना हो या फिर कथित रूप से कोरोना के लिहाज से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बढ़ी सरसों के तेल की खपत। सरसों के तेल के दामों में खासा उबाल देखने को मिल रहा है। मार्च-अप्रेल माह में करीब 36 सौ से 37 सौ के बीच बिक रही सरसों के दाम अब 5 हजार के पार तक पहुंच गए हंै। वहीं सरसों के तेल के दामों में 15 रुपए प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हुई है। आढ़तियों व खाद्य तेल कारोबारियों का कहना है कि सरसों के दाम 55 सौ तक पहुंच सकते हैं। गत वर्ष के मुकाबले सरसों का उत्पादन कम होना एवं केन्द्र की ओर से समर्थन मूल्य पर की गई सरसों की बम्पर खरीद के चलते बाजार में पर्याप्त मात्रा में सरसों नहीं पहुंच पा रही है। ऐसे में स्थानीय तेल मिलों में सरसों के तेल के उत्पादन में भारी कमी आई है। साथ ही विदेशों से आने वाले तेल पर ड्यूटी बढ़ाना भी एक मुख्य असर माना जा रहा है। (ब.उ.)
मांग के हिसाब से आपूर्ति कम
स्थानीय खाद्य तेल कारोबारी ईशाक खान ने बताया कि कब उत्पादन के चलते मांग के हिसाब से आपूर्ति कम हो रही है। फलस्वरूप सरसों के दामों में रेकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है। हालांकि सरकारी स्टॉक की बिकवाली के बाद कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। मार्च-अपे्रल माह में 10 किलो सरसों के तेल के दाम जहां 900 रुपए के आस-पास थे, वहीं अब 1050 तक पहुंच चुके है। आलम है कि सरसों की आवक काफी कम होने से शहर की कई तेल मिलों में उत्पादन नगण्य हो गया है।
केन्द्र सरकार ने की बम्पर खरीद
कारोबारियों का कहना हैं कि कोरोना काल में केन्द्र सरकार ने सरसों की रिकॉर्ड खरीद की थी। साथ ही सरसों के बाजार भाव 38 सौ से 4 हजार के बीच रहे। जबकि सरकारी खरीद में 44 सौ तक दाम मिले। साथ ही सरसों की आवक के पीक सीजन में लॉकडाउन के चलते मंडी बंद रहने से कई किसान मण्डी तक अपनी उपज को लेकर नहीं पहुंच सके। वहीं कई किसानों ने सरकारी खरीद केन्द्र पर अपनी उपज का बेचान किया। सरकारी खरीद का माल अभी गोदामों में ही रखा हुआ है। सरसों के गत 5 वर्ष के अधिकतम भाव
5 हजार तक बिकी सरसों
पिछले 5 वर्षों के मुकाबले सरसों के दामों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। बाजार में सरसों की आवक से अधिक मांग बनी हुई है। ऐसे में अभी दामों में मजबूती देखने को मिल सकती है।
-गोविन्द गुप्ता, आढ़तिया एवं व्यापार मंडल अध्यक्ष गंगापुरसिटी।
वर्ष अधिकतम भाव
2014-15 5500

2015-16 4250
2016-17 4350

2017-18 4500
2018-19 4350

2019-20 5081

मण्डी में 5 दिन में सरसों के अधिकतम दाम व आवक
दिनांक अधिकतम दाम आवक(कट्टे)

30 जुलाई 4660 314
31 जुलाई 5033 402
04 अगस्त 4900 128
05 अगस्त 4914 323

06 अगस्त 5081 644

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