2018 में सीनियर सेकंडरी विज्ञान के परिणाम में नागैार जिला प्रथम और जैसलमेर सबसे पिछड़ा रहा था। नागौर जिले का परिणाम 91.27 प्रतिशत रहा था। जबकि जैसलमेर का प्िरणाम 73.58 प्रतिशत पर ही अटक गया था। इस वर्ग में 90 प्रतिशत के साथ सीकर द्वितीय और 89.99 प्रतिशत के साथ चूरू तृतीय रहा था।
इसी तरह वाणिज्य वर्ग में 97.87 प्रतिशत के साथ सवाईमाधोपर जिला प्रथम रहा था। 76.99 प्रतिशत के साथ जैसलमेर जिला सबसे पिछड़ा रहा था। इस वर्ग मे श्रीगंगानगर 96.84 के साथ द्वितीय और चूरू 95.74 के साथ तृतीय पायदान पर रहा था।
कभी शैक्षिक हब था अजमेर अजमेर जिला ब्रिटिशकाल से शैक्षिक हब कहा जाता रहा था। यहां राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के मुख्यालय सहित सीबीएसई का अजमेर रीजन, मेयो कॉलेज, मिशनरी संस्थाएं, सरकारी और निजी स्कूल की भरमार है। कभी अजमेर की सोफिया, सेंट मेरीज और अन्य मिशनरी संस्थाएं माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से सम्बद्ध थी। सरकारी और निजी स्कूल के विद्यार्थियों में मेरिट में आने की होड़ मचती थी। लेकिन समय के साथ सबकुछ बदल गया। पिछले 10-15 साल में तो अजमेर के मुकाबले नागौर, सवाई माधोपुर, चूरू, सीकर और अन्य जिले आगे बढ़ चुके हैं।