इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, पैगंबर इब्राहिम की परीक्षा लेने के लिए अल्लाह ने उनके सपने में आकर उनकी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने के लिए कहा। उस वक्त पैगंबर इब्राहिम को सबसे प्यारा उनका बेटा इस्माइल था, जो खुद एक पैगंबर थे। उन्होंने अपने बेटे को कुर्बानी की बात बताई तो वह इस बात के लिए तैयार हो गए। उनका कहना था कि अगर यह अल्लाह का हुक्म है तो उन्हें इसे मानना होगा। इसके बाद पैगंबर इब्राहिम अपने बेटे के साथ अपने घर से दूर गए। कुर्बानी से पहले पैगंबर इब्राहिम ने अपनी आंखों पर पट्टी बांध ली ताकि कुर्बानी के वक्त बेटे के प्यार में उनके हाथ रुक नहीं जाए।
इस्लाम के अनुसार, ईद उल अजहा में सिर्फ जानवरों की ही कुर्बानी नहीं दी जाती। इस दिन मुसलमान बुरी आदतों, ख्यालों और बुरे कामों को भी त्यागने का संकल्प लेते हैं।