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ट्रेन की तरह बिजली भी उतरती है पटरी से, देखना है ऐसा तो आना पड़ेगा आपको अजमेर

locationअजमेरPublished: May 04, 2018 03:19:43 pm

Submitted by:

raktim tiwari

कोई भी कर्मचारी/ अधिकारी किसी काम के लिए फोन करे तो वह काम नहीं करना है।

electric supply system in problem

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भूपेन्द्र सिंह/अजमेर।

जनता को निर्बाध बिजली और त्वरित सेवा का दावे के साथ शहर की बिजली व्यवस्था संभालने वाली फ्रैंचायजी कम्पनी टाटा पावर के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। भीषण गर्मी में आमजन बिजली की आंख मिचौनी और घोषित-अघोषित कटौती से परेशान है। विद्युत तंत्र के सुधार के नाम पर आए दिन बिजली काटी जा रही है। खात बात यह है कि टाटा पावर के कॉल सेंटर तथा सब डिवीजनों पर उपभोक्ताओं की सुनने वाला भी कोई नहीं है। मजबूर लोगों को राजस्थान सम्पर्क पोर्टल पर बिजली गुल होने जैसी समस्याएं दर्ज करवानी पड़ रही हैं।
टाटा पावर ने जुलाई 2017 में शहर की विद्युत व्यवस्था अपने हाथ में ले ली थी। जुलाई 2017 से अप्रेल 2018 तक टाटा पावर ने 150 बार शहर में शट डाउन लिया। यानी करीब 300 दिनों में हर दूसरे दिन सुधार के नाम पर बिजली बंद की गई। लेकिन हालात सुधरने की बजाय और बिगड़े। आमतौर पर अजमेर डिस्कॉम की ओर से मेंटीनेंस के लिए प्रतिवर्ष करीब 50 शट डाउन ही लिए जाते थे लेकिन टाटा पावर ने तीन गुना अधिक शट डाउन लिए। सुधार के नाम पर शहर के विद्युत तंत्र पर नीला रंग पोता गया। विद्युत आपूर्ति व्यवस्था में व्यवधान के लिए टाटा पावर के अधिकारी कभी गिलहरी को दोषी ठहराते हैं तो कभी कबूतरों को।
सरकार से करनी पड़ रही है गुहार
टाटा पावर की आपूर्ति व्यवस्था से परेशान शहर के लोगों को सुधार के लिए सरकार से गुहार करनी पड़ रही है। कहीं बिजली गुल रहने तो कहीं कम वोल्टेज की शिकायत है। कई शिकायतों पर टाटा पावर ने ध्यान ही दिया तो यह एल-टू यानी डिस्कॉम स्तर पर लम्बित चल रही है। चुनाव व त्योहारों पर भी टाटा पावर ने जमकर बिजली कटौती की।
डिस्कॉम का टाटा पर कंट्रोल नहीं
टाटा पावर पर अजमेर डिस्कॉम के अधिकारियों का नियंत्रण नहीं है। टाटा पावर के अधिकारी डिस्कॉम के कॉर्पोरेट कार्यालय के कुछ ‘खास अधिकारियों को ही तवज्जो देते हैं। वहीं सूत्रों की मानें तो टाटा पावर ने अपने कार्मियों अघोषित रूप से यह निर्देश दे रखे हैं कि यदि निगम का कोई भी कर्मचारी/ अधिकारी किसी काम के लिए फोन करे तो वह काम नहीं करना है। यदि काम हो रहा है तो उसमें शिथिलता बरती जाए। डिस्कॉम प्रबन्धन भी टाटा पावर के कारनामों पर आंखें मूंदे हुए है।
6 घंटे तक गुल रही बिजली
चन्दवरदायी नगर में गुरुवार को 6 घंटे तक बिजली गुल रही। सुबह 9.30 से दोपहर 1 बजे तक बिजली काटी गई। इसके बाद दोपहर 2 से शाम 5.30 बजे तक लोगों को बिजली कटौती झेलनी पड़ी। टाटा पावर के कॉल सेंटर पर शिकायत दर्ज नहीं होने पर उपभोक्ता ने सम्पर्क पोर्टल के 181 नम्बर पर इसकी शिकायत दर्ज करवाई।
एक कॉलोनी में अघोषित, दो में अघोषित कटौती
अलखनन्दा कॉलोनी में गुरुवार को ट्रांसफार्मर बदलने के लिए शट डाउन लिया गया लेकिन बड़ी क्रेन पहुंचने पर समूचा फीडर ही बंद करना पड़ा इससे चाणक्य पुरी, श्याम कॉलोनी, माहेश्वरी पब्लिक स्कूल के आसपास लोगों को दो घंटे तक अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ा।
बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए शट डाउन लिए गए। अब बिजली कटौती में कमी की जाएगी।
-आलोक श्रीवास्तव, कॉर्पोरेट हैड टाटा पावर

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