scriptराज्य के 6 और जिलों की बिजली व्यवस्था जाएगी निजी हाथों में | Electricity system of 6 more districts of the state will be in private | Patrika News

राज्य के 6 और जिलों की बिजली व्यवस्था जाएगी निजी हाथों में

locationअजमेरPublished: Nov 30, 2021 08:50:26 pm

Submitted by:

bhupendra singh

फ्रैंचायजी व एमबीसी मॉडल पर होगा संचालन
सरकारी ने की तैयारी, बीओडी में मिली मंजूरी

Villagers, farmers have trouble due electricity system

Villagers, farmers have trouble due electricity system

भूपेन्द्र सिंह

अजमेर. राज्य सरकार ने 6 जिलों की विद्युत व्यवस्था को निजी हाथों देने का निर्णय किया है। बिजली कम्पनियों की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी भी दी जा चुकी है। अजमेर डिस्कॉम के तहत आने वाले चित्तौड़ जिले को एमबीसी ( मीटरिंग बिलिंग कलेक्शन) तथा नागौर सिटी को फ्रैंचायजी मॉडल (सम्पूर्ण नियंत्रण) पर निजी कम्पनी को सौंपा जाएगा। जोधपुर डिस्कॉम के पाली जिले को एमबीसी तथा जोधपुर शहर की बिजली व्यवस्था फ्रैंचायजी पर दी जाएगी। जयपुर डिस्कॉम के सवाईमाधोपुर को फ्रेचायजी तथा चूरू जिले की बिजली व्यवस्था एमबीसी मॉडल पर संचालित की जाएगी।
अब तक राज्य के 33 जिलों में से 6 जिलों की बिजली व्यवस्था पूर्ववर्ती सरकार में ही निजी हाथों में दी जा चुकी हैं और अब 6 जिलों की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है।
नागौर शहर

अजमेर डिस्कॉम के नागौर जिले के नागौर सिटी के 1 लाख उपभोक्ताओं की बिजली व्यवस्था फ्रैंचायजी कम्पनी संभालेगी। यह डिस्कॉम के नियमों से काम करेगी। नागौर सिटी के 4 सब डिवीजनों में 42 प्रतिशत बिजली छीजत में ही चली जाती है। चित्तौडगढ़,निम्बाहेड़ा
चित्तौड़ शहर के व ग्रामीण में निम्बाहेड़ा डिवीजन की बिजली व्यवस्था का संचालय एमबीसी मॉडल पर होगा। निम्बाहेड़ा के 2 व चित्तौड़ शहर के 2 सहित 4 सब डिवीजनों के 61 हजार उपभोक्ताओं की बिल वसूली, शिकायत निवारण तथा नए कनेक्शन तथा स्मार्ट मीटर लगाने का काम निजी कम्पनी करेगी। निगम अधिकारियों का कहना है यहा नियुक्त डिस्कॉम कर्मचारियों को आसपास के कार्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा। इससे इन कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी भी दूर होगी।
फायदा-नुकसान

बिजली कम्पनियों के निजीकरण से सरकार को फायदा होगा। विद्युत छीजत में कमी आएगी। जितनी बिजली दी जाएगी उतने की बिलिंग होगी। कर्मचारियों पर होने वाला तथा अन्य खर्च घटेगा। वहीं निजीकरण से कर्मचारियों को परेशानी होगी। उन्हें दर बदर किया जाएगा। बिजली कम्पनियों में पद समाप्त होंगे। निजी कम्पनियों की मनमानी से आमजन पहले ही भुगत रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो