अब तक राज्य के 33 जिलों में से 6 जिलों की बिजली व्यवस्था पूर्ववर्ती सरकार में ही निजी हाथों में दी जा चुकी हैं और अब 6 जिलों की बिजली व्यवस्था निजी हाथों में देने की तैयारी की जा रही है।
नागौर शहर अजमेर डिस्कॉम के नागौर जिले के नागौर सिटी के 1 लाख उपभोक्ताओं की बिजली व्यवस्था फ्रैंचायजी कम्पनी संभालेगी। यह डिस्कॉम के नियमों से काम करेगी। नागौर सिटी के 4 सब डिवीजनों में 42 प्रतिशत बिजली छीजत में ही चली जाती है। चित्तौडगढ़,निम्बाहेड़ा
चित्तौड़ शहर के व ग्रामीण में निम्बाहेड़ा डिवीजन की बिजली व्यवस्था का संचालय एमबीसी मॉडल पर होगा। निम्बाहेड़ा के 2 व चित्तौड़ शहर के 2 सहित 4 सब डिवीजनों के 61 हजार उपभोक्ताओं की बिल वसूली, शिकायत निवारण तथा नए कनेक्शन तथा स्मार्ट मीटर लगाने का काम निजी कम्पनी करेगी। निगम अधिकारियों का कहना है यहा नियुक्त डिस्कॉम कर्मचारियों को आसपास के कार्यालयों में शिफ्ट किया जाएगा। इससे इन कार्यालयों में कर्मचारियों की कमी भी दूर होगी।
फायदा-नुकसान बिजली कम्पनियों के निजीकरण से सरकार को फायदा होगा। विद्युत छीजत में कमी आएगी। जितनी बिजली दी जाएगी उतने की बिलिंग होगी। कर्मचारियों पर होने वाला तथा अन्य खर्च घटेगा। वहीं निजीकरण से कर्मचारियों को परेशानी होगी। उन्हें दर बदर किया जाएगा। बिजली कम्पनियों में पद समाप्त होंगे। निजी कम्पनियों की मनमानी से आमजन पहले ही भुगत रहा है।