सरकार ने साल 2016 से राजस्थान इंजीनियरिंग एडमिशन प्रोसेस (REAP) के जरिए प्रथम वर्ष में प्रवेश देने की शुरुआत की थी। इसमें जेईई मेन्स के प्राप्तांकों को प्रवेश की पात्रता माना गया है। सेंटर फॉर इलेक्ट्रॉनिक गवर्नेंस ने पिछले दिनों राजस्थान अभियांत्रिकी प्रवेश प्रक्रिया-2019 जारी की थी। इसके तहत बेचलर ऑफ इंजीनियरिंग, बेचलर ऑफ आर्कियोलॉजी और बेचलर ऑफ टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिए जाने हैं।
सभी सरकारी, स्वायत्तशासी, अनुदानित और सेल्फ फाइनेंसिंग स्कीम में संचालित इंजीनियरिंग कॉलेज (ENGINEERING COLLEGE) में विद्यार्थियों के दाखिले होंगे। इसके लिए ऑनलाइन पंजीयन 14 मई से शुरू हुए थे। 25 मई तक पंजीयन की अंतिम तिथि रखी गई थी। मालूम हो कि चार साल पहले तक सरकारी और निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रवेश के लिए राजस्थान प्री-इंजीनियरिंग टेस्ट होता था।
फिर भी खाली रहती हैं सीट जेईई मेन्स के प्राप्तांकों के आधार पर प्रवेश देेने के बावजूद कई इंजीनियरिंग कॉलेज में सीट खाली रहती हैं। वर्ष 2016 में तो अगस्त के दूसरे पखवाड़े तक अजमेर सहित कई इंजीनियरिंग कॉलेज में गिनने लायक दाखिले भी नहीं हुए थे। बाद में तकनीकी शिक्षा विभाग को सीधी भर्ती के आदेश देने पड़े थे। पिछले साल भी कई कॉलेज में सीटें नहीं भर पाई थीं।