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Exam: कोरोना ने बढ़ाई प्रॉबल्म, विधार्थियों को करे प्रमोट

locationअजमेरPublished: May 26, 2020 07:33:50 am

Submitted by:

raktim tiwari

अंक देकर विधार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा सकता है।

promote students

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अजमेर.

राजकीय विधि महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ महासचिव धर्मेन्द्र बाज्या ने विद्यार्थियो से ऑनलाइन संवाद किया। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी के चलते अभी तक विश्वविद्यालय की परीक्षाएं नहीं हो पाई हैं। इन्हें दस प्रतिशत अधिक अंक देकर विधार्थियों को अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जा सकता है।
कोरोना संक्रमण के चलते ग्रामीण व बाहरी क्षेत्र के विद्यार्थियों के सामने संकट है। विश्वविद्यालय प्रशासन व सरकार को छात्रहितों को ध्यान में रखते प्रमोट फार्मूले पर ध्यान देना चाहिए।

यूजीसी अनुदानित योजनाओं पर कोरोना का साया
अजमेर. कोरोना लॉकडाउन से बिगड़ी आर्थिक स्थिति का असर विश्वविद्यालयों-कॉलेज पर पड़ सकता है। यूजीसी अनुदानित शैक्षिक, शोध और संसाधन विकास से जुड़ी येाजनाओं के बजट में कटौती होने के आसार हैं। बजट और योजनाओं में तब्दीली भी हो सकती है।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और अन्य योजनाओं में यूजीसी देश के सभी केंद्रीय, राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों और कॉलेज को बजट देता है। इसके तहत संस्थानों में प्रयोगशाला के उन्नयन, स्मार्ट क्लास, कम्प्यूटर लेब, विद्यार्थियों के लिए फर्नीचर, आवश्यक संसाधन, केमिकल्स खरीदे जाते हैं। विश्वविद्यालयों-कॉलेज की शैक्षिक, शोध और विकास योजनाओं के अनुरूप यूजीसी बजट स्वीकृति देता है।
लॉकडाउन ने गड़बड़ा अर्थशास्त्र

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से केंद्र और राज्य सरकारों का अर्थशास्त्र गड़बड़ा चुका है। हालांकि अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए केंद्र सरकार ने 20 लाख 97 हजार करोड़ देने का ऐलान किया है। लेकिन मानव संसाधन विकास मंत्रालय-यूजीसी, केंद्रीय और राज्य स्तरीय शिक्षण संस्थानों को कितना बजट मिलेगा इसको लेकर खुलासा नहीं हुआ है।
किश्तों में मिलती है राशि

केंद्रीय और राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों-कॉलेज को शोध, संसाधनों के विकास और रूसा में बजट मिलता है। यह राशि किश्तों में दी जाती है। संस्थानों की योजनाओं और आवश्यकतानुसार बजट 5 से करीब 50 करोड़ और इससे अधिक भी होता है।
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