कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के चलते 19 मार्च को सीबीएसई ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षाएं स्थगित की थीं। यह बकाया परीक्षाएं 1 से 15 जुलाई तक कराई जानी हैं। बोर्ड के फैसले के खिलाफ अभिभावकों ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई। शीर्ष अदालत ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने पर विचार करते हुए जवाब पेश करने को कहा था।
परीक्षाएं नहीं हुई तो जुलाई में नतीजे!
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर 25 जून को फैसला करेगा। दसवीं-बारहवीं की बकाया परीक्षाएं नहीं कराने पर बोर्ड को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने होंगे। ऐसा हुआ तो नतीजे जुलाई में किए जा सकेंगे। इसमें अजमेर, दिल्ली, प्रयागराज, पुणे, देहरादून, पटना, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, भोपाल, पंचकुला रीजन शामिल हैं। अजमेर से रीजन से 3 लाख विद्यार्थी दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में पंजीकृत हैं।
बोर्ड परीक्षाओं को लेकर 25 जून को फैसला करेगा। दसवीं-बारहवीं की बकाया परीक्षाएं नहीं कराने पर बोर्ड को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक देने होंगे। ऐसा हुआ तो नतीजे जुलाई में किए जा सकेंगे। इसमें अजमेर, दिल्ली, प्रयागराज, पुणे, देहरादून, पटना, तिरुवनंतपुरम, चेन्नई, भोपाल, पंचकुला रीजन शामिल हैं। अजमेर से रीजन से 3 लाख विद्यार्थी दसवीं-बारहवीं की परीक्षा में पंजीकृत हैं।
कॉलेज में सोशल डिस्टेंसिंग से परीक्षा और पढ़ाई चुनौती रक्तिम तिवारी/अजमेर. कोरोना संक्रमण ने कॉलेज और विश्वविद्यालयों की चिंता बढ़ा दी है। जयपुर, जोधपुर उदयपुर के विश्वविद्यालयों सहित राज्य के बड़े कॉलेज में हजारों विद्यार्थियों की परीक्षाएं और पढ़ाई कराना आसान नहीं है। ऐसे में संस्थान नवाचार योजनाएं बनाने में जुटे हैं।
कोराना संक्रमण के कारण स्कूल, कॉलेज और यूनिवर्सिटी में हालात विपरीत हैं। सत्र 2020-21 की शुरुआत जुलाई में हो जाएगी। सबसे ज्यादा दिक्कतें बकाया परीक्षाओं के आयोजन कक्षाओं के संचालन की हैं। जीसीए जैसे बड़े कॉलेज में चिंता
अजमेर, कोटा, बीकानेर, सीकर के सरकारी कॉलेज बड़े हैं। इनमें 4 से 8 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हैं। सोफिया, दयानंद कॉलेज जैसे निजी संस्थानों में भी 1700 से 2500 तक विद्यार्थी हैं। कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में सौ-सौ विद्यार्थियों के सेक्शन हैं। इसी तरह जोधपुर के जेएनवी, उदयपुर के एमएल सुखाडिय़ा और राजस्थान विवि जयपुर में 10 से 15 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इतने विद्यार्थियों को एक साथ बैठाना आसान नहीं है।
अजमेर, कोटा, बीकानेर, सीकर के सरकारी कॉलेज बड़े हैं। इनमें 4 से 8 हजार से ज्यादा विद्यार्थी पढ़ते हैं। सोफिया, दयानंद कॉलेज जैसे निजी संस्थानों में भी 1700 से 2500 तक विद्यार्थी हैं। कला, वाणिज्य, विज्ञान संकाय में प्रथम, द्वितीय और तृतीय वर्ष में सौ-सौ विद्यार्थियों के सेक्शन हैं। इसी तरह जोधपुर के जेएनवी, उदयपुर के एमएल सुखाडिय़ा और राजस्थान विवि जयपुर में 10 से 15 हजार विद्यार्थी पढ़ते हैं। इतने विद्यार्थियों को एक साथ बैठाना आसान नहीं है।