बुवाई 61 हजार 850 हैक्टेयर के मुकाबले 76 हजार 174 हैक्टेयर में बुवाई हुई, जो लक्ष्य से अधिक 123 प्रतिशत रही। बुवाई का आंकड़े में हुई बढ़ोतरी के चलते पिछले दस सालों में 405 मैट्रिक टन यूरिया एवं 250 मैट्रिक टन डीएपी की खपत हुई, जबकि पिछले दस सालों में इनकी इतनी मांग नहीं रही। इस बार उपज भी अच्छी होने के आसार है।
ब्यावर क्रय-विक्रय सहकारी समिति ने पिछले दस सालों में दौ सौ से तीन सौ मेट्रिक टन यूरिया एवं एक सौ से दौ सौ मेट्रिक टन डीएपी बेची थी। इस बार यूरिया की खपत बढकऱ 405 मैट्रिक टन डीएपी की बिक्री 250 मैट्रिक टन तक पहुंच गई। क्षेत्र में सबसे अधिक 38 हजार 758 मैट्रिक टन चना एवं बीस हजार 513 हैक्टेयर में गेहंू तथा दस हजार तीन सौ हैक्टेयर में जौ की बुवाई हुई है।