फिल्मों में तो फर्जी पुलिस वाले अपने अक्सर देखे होंगे, लेकिन असली जिंदगी में भी ऐसा हो रहा है। पाली का फर्जी पुलिस अधीक्षक बनकर शहर के होटल व्यवसायी से सवा लाख रुपए की ठगी के मामले में गंज थाना पुलिस ने ठग गिरोह के तीन गुर्गों को गिरफ्तार किया है। पुलिस गिरोह के सरगना की तलाश में जुटी है।
पुलिस के अनुसार 23 अक्टूबर को चूड़ी बाजार स्थित होटल अजमेर-इन के मालिक चन्द्रशेखर राठौड़ के साथ सवा लाख रुपए की ठगी के आरोप में जयपुर मानसरोवर कॉलोनी निवासी अनुराग शर्मा, मानसरोवर स्वर्ण पथ निवासी आकाश सैनी और त्रिपोलिया बाजार निवासी साहिल त्रिवेदी को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस पड़ताल में सामने आया कि गिरोह के सरगना ने व्यवसायी से रकम डलवाने के लिए अनुराग शर्मा के मार्फत आकाश व साहिल के जयपुर स्थित एसबीआई व पीएनबी शाखा के खाते इस्तेमाल किए। अनुराग ने आकाश व साहिल के खाते से रकम निकाल कर सरगना को पहुंचाई। पुलिस के अनुसार आकाश व साहिल की गिरफ्तारी के बाद अनुराग का नाम सामने आया। अनुराग ने ही उनके बैंक खाते के नम्बर मांगे थे।
पहले हो चुका है गिरफ्तार
पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि अनुराग मानसरोवर थाने में आम्र्स एक्ट, मारपीट व शांतिभंग में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस उसके आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस उन मोबाइन फोन नम्बरों की पड़ताल में जुटी है जिससे होटल व्यवसायी को कॉल आया था।
पुलिस की प्रारंभिक पड़ताल में सामने आया कि अनुराग मानसरोवर थाने में आम्र्स एक्ट, मारपीट व शांतिभंग में गिरफ्तार हो चुका है। पुलिस उसके आपराधिक रिकॉर्ड खंगाल रही है। पुलिस उन मोबाइन फोन नम्बरों की पड़ताल में जुटी है जिससे होटल व्यवसायी को कॉल आया था।
यह था मामला
होटल व्यवसायी चन्द्रशेखर राठौड़ 23 अक्टूबर को फॉयसागर रोड स्थित हंस पैराडाइज समारोह स्थल में बैठा था। तभी मोबाइल पर कॉल आया। कॉलर ने खुद को पाली एसपी बताते हुए 50 हजार रुपए की जरूरत बताई। उसके बाद दूसरे नम्बर पर कॉल आया। लगातार दो कॉल अलग-अलग नम्बर पर आने से उसने परिचित समझ मुनीम प्रतीक को खाते में रकम डालने के लिए कह दिया। रकम डलने के बाद कॉलर ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। राठौड़ ने गंज थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था।
होटल व्यवसायी चन्द्रशेखर राठौड़ 23 अक्टूबर को फॉयसागर रोड स्थित हंस पैराडाइज समारोह स्थल में बैठा था। तभी मोबाइल पर कॉल आया। कॉलर ने खुद को पाली एसपी बताते हुए 50 हजार रुपए की जरूरत बताई। उसके बाद दूसरे नम्बर पर कॉल आया। लगातार दो कॉल अलग-अलग नम्बर पर आने से उसने परिचित समझ मुनीम प्रतीक को खाते में रकम डालने के लिए कह दिया। रकम डलने के बाद कॉलर ने मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। राठौड़ ने गंज थाना में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया था।