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किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कहा : धरतीपुत्र नहीं अब केन्द्र सरकार को झुकना होगा, अमीरों के हाथों नहीं बिकेगा देश का किसान

locationअजमेरPublished: Feb 24, 2021 01:37:59 am

Submitted by:

suresh bharti

किसान महापंचायत में झुंझुनूं जिले के हजारों किसान उमड़े, केन्द्र के तीनों कृषि बिलों का किया विरोध, टिकैत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बताया किसान विरोधी,पूरे देश में किसान महापंचायत करने का किया ऐलान

किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कहा : धरतीपुत्र नहीं अब केन्द्र सरकार को झुकना होगा, अमीरों के हाथों नहीं बिकेगा देश का किसान

किसान नेता राकेश टिकैत ने साफ कहा : धरतीपुत्र नहीं अब केन्द्र सरकार को झुकना होगा, अमीरों के हाथों नहीं बिकेगा देश का किसान

चूरू/सरदारशहर. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और नेता राकेश टिकैत कहा कि केन्द्र सरकार पूंजीपतियों पर अधिक मेहरबान है। किसानों का सिर्फ शोषण किया जा रहा है। अब हल चलाने वाला किसान किसी के आगे हाथ नहीं जोड़ेगा। केन्द्र सरकार की नीतियों के विरोध में किसान नेता देशभर में जाएंगे। टिकैत मंगलवार को संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से यहां गांधी विद्या मंदिर स्थित राजीव गांधी स्टेडियम में आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे।
किसानों का हक छीन रहे हैं मोदी

उन्होंने कहा कि यह आंदोलन केवल हरियाणा और पंजाब राज्य का नहीं, बल्कि पूरे देश का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसानों का हक छीन रहे हैं। किसान की सबसे प्यारी चीज जमीन की लड़ाई है। केन्द्र के तीनों कानूनों से पूंजीपति अपनी तिजोरियों भरेंगे। इसकी चाबियां मुम्बई और विदेशों में होंगी। जब लोगों को भूख लगेंगी तो रोटियों की कीमत तय की जाएगी। केन्द्र सरकार के इस मंसूबे को किसी भी सूरत में सफल नहीं होने दिया जाएगा।
कृषि कानूनों का असर आमजन पर भी

उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वह खेत की मिट्टी को शरीर से स्पर्श कर घर के मंदिर में रखें। उसकी पूजा करें। इन कानूनों से न केवल गरीब व किसान प्रभावित होगा, बल्कि इसका असर व्यापारियों और आम जनता पर भी पड़ेगा। टिकैत ने कहा कि देश में चार करोड़ साप्ताहिक बाजार लगते हैं। विदेशी कंपनियों की मंशा है कि यह बाजार बंद हो। यदि ऐसा हुआ तो देश के करोड़ों लोग बर्बाद हो जाएंगे। विदेशी कंपनियां भी यही चाहती है। इसलिए किसान मिलकर आंदोलन को मजबूती प्रदान करें। उन्होंने संकेत दिया कि अब यह आंदोलन थमने वाला नहीं है।
…तो कंपनियां दर्ज कराएंगी किसानों पर मुकदमे

टिकैत ने कहा कि सीड मिले बीज का कानून बहुत ही खतरनाक है। किसान किसी कंपनी का बीज लेकर खेत में डालेगा। जब फसल तैयार होगी तो कंपनी मालिक खेत पहुंचेगा। फसल पर अपना हक जताएगा। किसान नहीं मानेगा तो उनके खिलाफ थानें में मामले दर्ज कराए जाएंगे और उन्हें गिरफ्तार कराया जाएगा। इस स्थिति से बचने के लिए सभी को एकजुट होकर आंदोलन को मजबूती प्रदान करनी है।
पगड़ी और सम्मान से समझौता मंजूर नहीं

टिकैत ने कहा कि केन्द्र सरकार जाति और धर्म के बाद अब छोटे और बड़े किसान की बात कर बांटने की कोशिश में जुटी है। किसानों को इनकी साजिशों से बचना होगा। हमारे पंच और मंच वही रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब भी आह्वान किया जाए तो बॉर्डर की तरफ कूच करना है। किसान की पगड़ी और सम्मान से समझौता मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों की एक नजर खेत तो दूसरी नजर आंदोलन पर होनी चाहिए।
225 किसानों ने गंवाई जान

किसान नेता युद्धवीरसिंह ने कहा कि किसानों के आंदोलन को 90 दिन हो गए हैं। फिर भी केन्द्र सरकार के जूं तक नहीं रैंग रही है। इस आंदोलन में 225 से अधिक किसान अपनी जान गंवा चुके हंै। सरकार दो पंूजीपतियों के हाथ में देश को बेचना चाहती हैं।
टिकैत को भेंट किया हल

संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने टिकैत को हल भेंट किया। माल्यार्पण कर स्वागत किया। टिकैत ने डेयरी चेयरमैन लालचन्द मूंड को भारतीय किसान यूनियन सरदारशहर का अध्यक्ष बनाया। महापंचायत का संचालन निर्मल प्रजापत व रामरतन सिहाग ने संयुक्त रूप से किया।
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