अजमेर

घर बैठे ही किसान लड़ सकेंगे अपनी जमीन के मुकदमे

– राजस्व न्यायिक प्रणाली में बदलाव: राजस्व मामलों की त्वरित हो सकेगी सुनवाई – जर्नलाइज कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम होगा लागू, आईटी टीम ने दिया डेमो
प्रदेश के किसान आने वाले दिनों में अपनी कृषि भूमि के विवादों में घर बैठे ही कानूनी लड़ाई लड़ सकेंगे। इसके लिए उन्हें राजस्व अदालतों में जाने की भी जरूरत नहीं होगी। इसके चलते राजस्व मंडल सहित प्रदेश की करीब एक हजार अधीनस्थ राजस्व अदालतों में लंबित पांच लाख से अधिक प्रकरणों की सुनवाई में पारदर्शिता व गति बढ़ेगी।

अजमेरJun 08, 2023 / 12:18 am

Dilip

Jabalpur high court

दिलीप शर्मा
अजमेर. प्रदेश के किसान आने वाले दिनों में अपनी कृषि भूमि के विवादों में घर बैठे ही कानूनी लड़ाई लड़ सकेंगे। इसके लिए उन्हें राजस्व अदालतों में जाने की भी जरूरत नहीं होगी। इसके चलते राजस्व मंडल सहित प्रदेश की करीब एक हजार अधीनस्थ राजस्व अदालतों में लंबित पांच लाख से अधिक प्रकरणों की सुनवाई में पारदर्शिता व गति बढ़ेगी। आदिवासी क्षेत्र संबधी अदालतें, आरकेट, भूमि अर्जन व पुनर्वास जैसी कई अदालतों को डिजिटलाईज प्रणाली जर्नलाइज कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (जीसीएमएस) से जोड़ा जाएगा। इसमें ई-फाईलिंग व ई सम्मन प्रक्रिया प्रथम चरण में होगी। दूसरे चरण में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल हियरिंग की जाएगी।
राजस्व मंडल के निबंधक महावीर प्रसाद ने बताया कि मंडल अध्यक्ष राजेश्वर सिंह के निर्देशों पर नवीन प्रणाली लागू करने की कवायद शुरू कर दी गई है। आईटी विभाग के उपनिदेशक सौरभ बामनिया की देखरेख में आइटी टीम ने जीसीएमएस प्रणाली का मंडल में डेमो देकर ई फाईलिंग व दस्तावेज अपलोडिंग प्रक्रिया की जानकारी दी।
यह होगी चरणबद्ध प्रक्रिया

– ऑनलाइन वाद या अपील दायर- अधीनस्थ अदालत का फैसला

– संंबंधित दस्तावेज अपलोड

– एसएसओआईडी के जरिए लॉगइन व प्रकरण पंजीकृत या दायर

– दस्तावेज में कमी होने पर पुन: पक्षकार को लौटाई जाकर कमियां पूरी होंगी
– दस्तावेज पूर्ण होने पर पक्षकारों को नोटिस जारी

– नोटिस तामील के बाद पुन: पत्रावली संबंधित अदालत में अपलोड होगी

– पक्षकार को निर्धारित तिथि का लिंक दिया जाएगा

– बैंच या पीठासीन अधिकारी के समक्ष पत्रावली आने के बाद संबंधित लॉगिन से जुड़ जाएगा
यह अदालतें होंगी शामिल

राजस्व मंडल, टैक्स बोर्ड, आदिवासी क्षेत्रों की अदालतें, सिविल सर्विसेज अपीलेट ट्रिब्यूनल (आरकेट), राजस्थान भूमि अर्जन पुनर्वास व पुनर्व्यवस्था प्राधिकरण।आंकडो़ं में राजस्व वाद

पांच लाख – राजस्व मंडल व अधीनस्थ अदालतों में प्रकरण
65 हजार – राजस्व मंडल में विचाराधीन प्रकरण

1 हजार – लगभग अधीनस्थ राजस्व अदालतें

315 – उपखंड अधिकारी अदालतें

23 – राजस्व अपील अधिकारी व भू प्रबंधन अधिकारी (कार्यवाहक)

78 – एसीएम
408 – तहसीलें
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.