फीडर सेग्रीगेशन प्रोगाम: अजमेर डिस्कॉम ने 152 करोड़ अधिक खर्च कर डाले
सौभाग्य और कुसुम योजना के बाद सामने आया नया घोटाला
जोधपुर डिस्कॉम ने प्रति फीडर 9.57 लाख तो अजमेर डिस्कॉम ने प्रति फीडर खर्च किए 38 लाख
अजमेर
Updated: February 18, 2022 09:42:17 pm
भूपेन्द्र सिंह
अजमेर. अजमेर डिस्कॉम में घपले घोटाले थमने का नाम नहीं ले रहे है। सौभाग्य और कुसुम योजना के बाद अब फीडर सेपरेशन का नया मामला सामने आया है। बिजली चाेरी व छीजत में कमी लाने के नाम पर किसानों को अलग फीडर से बिजली देने के लिए चलाए गए फीडर सेग्रीगेशन प्रोग्राम में बड़ा घोटाला सामने आया है। बिजली की छीजत में तो कमी अनुमान के मुताबिक तो नहीं आई लेकिन फीडर सेग्रीगेशन के नाम पर जम कर चांदी काटी गई। अजमेर डिस्कॉम ने फीडर सेपरेशन के नाम पर प्रति फीडर साढे 38 लाख रूपए खर्च कर डाले तो वही वहीं जोधपुर डिस्कॉम ने प्रति फीडर केवल 9.57 लाख रूपए में ही यह काम कर दिखाया। यानि की अजमेर डिस्कॉम ने फीडर सुधार के नाम पर जोधपुर डिस्कॉम से चार गुणा से अधिक गुणा से अधिक राशि खर्च की। यदि जोधपुर डिसकॉम की रेट अपनाई जाती तो अजमेर डिस्कॉम को करीब 51 करोड़ ही खर्च करने पड़ते। जबकि अजमेर डिस्कॉम ने 533 फीडरों के लिए 203 करोड रूपए की राशि खर्च कर डाली।
जयपुर से 53 करोड़ अधिक खर्चे
अगर जयपुर डिस्कॉम से तुलना करें तो अजमेर डिस्कॉम ने प्रति फीडर 10 लाख से अधिक की राशि खर्च की है। इस तरह अजमेर डिस्कॉम ने जयपुर डिस्कॉम से 53 करोड रूपए अधिक खर्च किए। जबकि फीडर की संख्या जयपुर के मुकाबले 478 कम ही रही थी अजमेर की।
1749 फीडरों पर 500 करोड़ खर्च
राज्य में 500 करोड़ रूपए खर्च कर 1 हजार 749 फीडरो का सेग्रीगेगशन किया गया। अजमेर डिस्कॉम के नागौर जिले में छीजत घटाने के लिए फीडर सेपेरेशन का काम अधिक हुआ। यहां इस योजना में कृषि फीड मीटर से सिंगल फेज फीडर अलग करने का काम हुआ। नागौर जिले में कई फीडरों का सेपरेशन होने बावजूद उनके पुन: सेपरेशन के फर्जी ठेके जारी कर बिल पास किए गए।
नागौर में हुआ फर्जीवाड़ा
फीडर सेपरेट करने पर प्रति वर्ष करोड़ो यूनिट व अरबों रूपए का फायदा होगा। इसकी खूब वाहवाही भी लूटी गई। करोड़ो यूनिट बिजली बचत के बजाय गत वर्ष से उपभोग अधिक हुआ है। मौके पर गलत तरीके से काम हुआ और फर्जी बिल पास हुए। करोड़ रूपए खर्च करने के बाद भी सिंगल फेज सप्लाई में लोड 94 से 100 एम्पीयर तक आ रहा है। नागौर में इनपुट भी लगातार पिछले साल की तुलना में बढ़ रहा है। फीडर सेपरेट होने के बाद भी सिंगल फेज लाइन खींचकर कनेक्शन जारी किए जाते हैं। सिंगल सेपरेशन स्कीम में मौके पर ठेकेदार व इंजीनियरों द्वारा सिंगल फेज व थ्री फेज लाइन पास-पास खींच दी जाती है इससे विद्युत चोरो द्वारा फिर से लूपिंग कर बिजली चोरी की जा रही है।
जयपुर डिस्कॉम
जयपुर डिस्कॉम में 1011 फीडर के सेपरेशन के लिए पर प्रति फीडर लगभग 28.28 लाख रुपए की दर से कुल 285.97 करोड़ रुपए खर्चा किया गया।
अजमेर डिस्कॉम
अजमेर डिस्कॉम में मात्र 533 फीडर पर 38.46 लाख प्रति मीटर की दर से कुल 205.02 करोड़ रुपए का खर्चा किया गया।
जोधपुर डिस्कॉम
जोधपुर डिस्कॉम में मात्र 205 फीडरो पर प्रति फीडर 9.54 लाख रूपए की दर से 19.57 करोड़ रूपए खर्च किए गए।
केन्द्र ने नहीं दी मंजूरी बिजली कम्पनियों ने खुद के स्तर पर किया खर्च
विद्युत वितरण निगमों की वित्तीय स्थिति के मध्यनजर पृथक कृषि फीड़रों की स्थापना के लिए डीपीआर बनाकर आरईसी. दिल्ली को स्वीकृति एव वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के लिए भेजी गई थी। विद्युत मंत्रालय भारत सरकार ने सण स्वीकृत नहीं करते हुए लौटा दिया था। इसके बाद बिजली कम्पनियाें ने इसके अपने स्तर पर पूरा किया।

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