पीडि़ता ने रिपोर्ट में बताया कि उसने पूर्व में आलाधिकारियों से मौखिक व लिखित शिकायत दी लेकिन आरोपी के रसूकात के चलते कार्रवाई नहीं हुई। उसने इससे पहले 23 नवम्बर 19 को कारखाना प्रबंधक, 13 फरवरी को मुख्य अभियांत्रिकी इंजीनियर मुख्यालय उत्तर पश्चिम रेलवे व 26 फरवरी को मुख्य कारखाना प्रबंधक डीजल लोको वैगन कारखाना को रिपोर्ट दी। तब जाकर उसने मामले में कानूनी कार्रवाई के लिए 17 जून को मुख्यालय से अनुमति मांगी। जिसमें करीब एक माह बाद अनुमति दी गई।