सूचना पर नगरपालिका की दमकल भी पहुंच गई, लेकिन इसका टैंक छोटा होने से नाकाफी रही। लेकिन पुलिस, आमजन एव पालिकाकर्मियों ने आग बूझाने का प्रयास किया, आग से लोगों मे हड़कंप मच गया और चारों ओर लोगों का जमावड़ा हो गया। ऊंची उठी आग की लपटों से ही सूचना पूरे क्षेत्र में फैल गई। काफी ऊंचाई तक काले धुएं की चादर और अंधेरा ही अंधेरा छा गया। करीब डेढ़ घंटे तक विकराल रूप नजर आया।
पुलिस थाने की पूरी टीम आग को काबू पाने में जुट गई। वहीं डीएसपी मनिया मनोज कुमार गुप्ता भी घटना के समय थाने में ही मौजूद थे। उन्होंने घटना का जायजा लिया और आग के कारणों का पता किया। बड़ी मात्रा में नुकसानपरिसर में सैकड़ों की तादाद में जब्त शुदा बाइक, कार, ट्रेक्टर, जुगाड़ व जब्त लकड़ी का भंडार है। जिसमें से लगभग 100 बाइक जलने का अनुमान है, हालांकि इनकी अभी गिनती नहीं हो पाई है। साथ ही बड़ी मात्रा में जब्त लकड़ी भी जलकर नष्ट हो गई है।
चर्चा का बना विषय क्षेत्र में पहली बार इतनी बड़ी आग पर क्षेत्र में चर्चाओं का दौर भी आरम्भ हो गया। दबे स्वर में लोगों का मानना था कि आग के पीछे सुनियोजित साजिश भी हो सकती है। जिसकी उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि इस परिसर में खड़े कुछ विशाल पेड़ों पर मधुमक्खी के छत्ते हैं, जिनसे शहद निकलने के चक्कर में लगाई गई आग की मशाल से हादसा हुआ। लेकिन थाने जैसी सुरक्षित जगह पर बाहरी लोग कैसे प्रवेश कर गए या अंदर के लोगों ने छत्ते तोडऩे के प्रयास में लापरवाही बरती। पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं आमजन इसकी जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग कर रहे हैं