अजमेर के पर्यटन स्थलों में शुमार फॉयसागर झील पर स्थित उद्यान के विकास पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। झील के किनारे पाथ-वे विकसित किया जा रहा है तो उद्यान को भी नई शक्ल में निखारने की तैयारी है।
विशाल पेड़ों पर आरी, लगाने की नहीं तैयारी फॉयसागर उद्यान में दशकों पुराने विशाल पेड़ों को काट दिया गया है। झील के मंदिर वाले छोर पर पुराना पेड़ पूरी तरह से हटा दिया गया है। प्याऊ के सामने विशाल पेड़ का अब ठूंठ ही मुंह चिढ़ाता और अपने वजूद की गवाही देता बचा है। प्याऊ के पीछे वाले लॉन में भी पेड़ों की मोटी शाखाओं पर कुल्हाड़ी-आरी चला दी गई है। उद्यान में जहां-तहां पेड़ों के बड़े तने-ठूंठ और भारी शाखाओं के ढेर लगे हैं।
उद्यान से हरियाली नदारद है और अलग-अलग छोर पर बने पार्कों में कहीं फुलवारी भी नजर नहीं आती पाथ-वे पर छतरियों का निर्माण फॉयसागर झील की पाल पर कोटड़ा छोर पर पाथ-वे विकसित किया जा रहा है। किनारे पर छतरियां बनाई जा रही हैं। लाल पत्थर से बनी छतरियां झील का सौंदर्य बढ़ा रही हैं।
प्याऊ में ना तो नल, ना पानी उद्यान में आगंतुकों के लिए प्याऊ तो बनी है लेकिन इसमें ना तो नल लगे हैं ना पानी का इंतजाम है। कुछ जगह लगी टोंटी टूटी हुई हैं।
सुविधा विहीन पार्किंग शुल्क फॉयसागर झील पर आने वालों से नगर निगम के नाम से वाहनों का पार्किंग शुल्क तो वसूला जा रहा है, लेकिन वाहनों को सुरक्षित खड़े होने के कोई इंतजाम नहीं हैं।
पार्क के हालात पार्क में एक मंदिर बना है, अंदर बारामदे हैं जहां बारिश में लोग रुक सकते हैं। पक्का प्लेटफार्म बना है। पाल के नीचे दो छोटे-छोटे पार्क विकसित हो रहे हैं।
2.45 करोड़ रुपए से अधिक के करवाए जा रहे विकास कार्य अजमेर विकास प्राधिकरण की ओर से फॉयसागर झील का विकास करवाया जा रहा है। प्राइवेट फर्म की ओर से करीब 245.56 लाख का टेण्डर किया गया। इसके तहत कार्य करवाए जा रहे हैं।
बीत चुकी डेड लाइन ठेकेदार फर्म की ओर से तय तिथि में विकास कार्य पूर्ण नहीं करवाए जाने के बावजूद उसके विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जा रही। फॉयसागर उद्यान का विकास कार्य 28 जुलाई 2021 को प्रारंभ हुआ। इसे पूरा करने के लिए 27 जनवरी 2022 निर्धारित की गई। लेकिन दो माह से अधिक समय बीतने के बावजूद काम पूरा नहीं हुआ है।