scriptShamefull: यूं कुर्सी पर बैठकर बिता दिए 50 दिन, कर रहे स्टूडेंट्स से खिलवाड़ | First year admission in problem, Law college in tention | Patrika News

Shamefull: यूं कुर्सी पर बैठकर बिता दिए 50 दिन, कर रहे स्टूडेंट्स से खिलवाड़

locationअजमेरPublished: Aug 19, 2018 05:36:16 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajastjhan-news

law college ajmer

law college ajmer

अजमेर.

लॉ कॉलेज में विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष के दाखिलों का इंतजार है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय से सम्बद्धता मिलने के बाद कॉलेज बार काउंसलिंग ऑफ इंडिया को पत्र भेजेगा। काउंसिल की अनुमति मिलने के बाद दाखिले प्रारंभ होंगे।
लॉ कॉलेज को 13 साल से बार कौंसिल ऑफ इंडिया से स्थाई मान्यता नहीं मिली है। इसको हर साल विश्वविद्यालय से सम्बद्धता लेनी पड़ती है। सम्बद्धता पत्र और निरीक्षण रिपोर्ट बार कौंसिल ऑफ इंडिया को भेजी जाती है। कौंसिल की मंजूरी के बाद प्रथम वर्ष में दाखिले होते हैं। इस बार भी हालात वैसे ही हैं।
सत्र के 50 दिन बीते

सरकार को अजमेर सहित अन्य लॉ कॉलेज में स्थाई प्राचार्य, पर्याप्त व्याख्याता और स्टाफ और संसाधन जुटाने हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय का सम्बद्धता पत्र भिजवाना है। सत्र 2018-19 के 50 दिन बीत चुके हैं। विश्वविद्यालय से सम्बद्धता मिलने ही लॉ कॉलेज जल्द बीसीआई को पत्र भेजेगा।
शिक्षकों की कमी बरकरार
यूजीसी के नियमानुसार किसी भी विभाग में एक प्रोफेसर, दो रीडर और तीन लेक्चरर होने चाहिए। लॉ कॉलेज में प्राचार्य सहित चार शिक्षक हैं। मौजूदा वक्त एक शिक्षक डेप्युटेशन पर जयपुर तैनात है। एक महिला शिक्षक अवकाश पर हैं। कॉलेज में शारीरिक शिक्षक, खेल मैदान, सभागार, और अन्य सुविधाएं नहीं हैं।
लेंगे दो साल की सम्बद्धता

कॉलेज सत्र 2019-20 और 2020-21 की एकमुश्त सम्बद्धता के लिए प्रयास करेगा। विश्वविद्यालय में 20 हजार रुपए जमा कराए जा चुके हैं। विश्वविद्यालय की टीम कॉलेज का निरीक्षण करेगी। इसके आधार पर दो सत्रों की सम्बद्धता एकसाथ जारी होगी। तत्कालीन कुलपति प्रो. विजय श्रीमाली ने इसके निर्देश दिए थे।
विश्वविद्यालय से सम्बद्धता पत्र मिलते ही बीसीआई को पत्र भेजेंगे। काउंसिल की मंजूरी मिलते ही प्रथम वर्ष में प्रवेश शुरू होंगे।

डॉ. डी. के. सिंह कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज

शुरू हुई जांच
आयोग ने ऑनलाइन आपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। प्रामाणिक तथ्यों के आधार पर जिन प्रश्नों पर आपत्तियां सही मिलेंगी उन पर आयोग को निर्णय लेना होगा।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो