आनासागर झील में ब्रेड, आटे से निर्मित गोलियां, चावल के मुरमुरे आदि डालने के लिए लोग दीवार से सटे रहते हैं। ऐसे में उनके बीच कई बच्चे भी होते हैं जो झील में मछलियां देखने को उत्सुक रहते हैं। ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। दूसरी ओर से आटे की गोलियां बेचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। महिलाएं, युवतियां एवं युवक सुभाष उद्यान में ही आटे की गोलियां बनाकर लोगों को बेचते हैं।
बारादरी पर 15-20 लोग व महिलाएं आटे की गोलियां व सामान बेच रहे हैं। एक व्यक्ति की ओर से ही सुभाष उद्यान में आटे की गोलियां बनाकर इन लोगों को कम लागत में दी जाती है और ये एक दोने में आठ-दस गोलियां डालकर प्रति दोना 10 रुपए में बेच रहे हैं। जानकारों का मानना है कि आटे की गोलियां मछलियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रही हैं।
झील से निकाल कर बेच रहे मछलियां कुछ लोग आनासागर से ही मछलियां निकाल कर सुभाष उद्यान में मछलियां बेच रहे हैं। वे 80 से 90 रुपए किलो के भाव से मछलियां बेचते हैं। अवैध रूप से फलते फूलते इस कारोबार पर भी न तो गार्ड कोई कार्रवाई कर रहे हैं न कोई कर्मचारी।