राजस्थान पथ परिवहन निगम के 5 सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बकाया भुगतान के मामले में चार दिन पूर्व सीज की पांच बसों को अजमेर तहसीलदार ने रिलीज कर दिया। यह कार्रवाई रोडवेज की हाईकोर्ट में दायर की गई याचिका पर दिए गए निर्णय के बाद की गई।
अजयमेरू आगार के मुख्य प्रबन्धक सुखपाल बिलोनिया ने कोर्ट के आदेश की प्रति तहसील कार्यालय में प्रस्तुत की जिसके बाद तहसीलदार ने बसों के रिलीज आदेश जारी कर दिए। रोडवेज अजमेरू आगार की बस संख्या आरजे 01-पीए 2196, 1526, 2538 तथा आरजे 22 पीए 1017 तथा आरजे 01 पीए 1804 को सीज किया गया था।
इससे इन बसों का संचालन रतलाम, उज्जैन, पीसागन, जयपुर मार्ग पर नहीं हो सका। बसें कुर्क होते ही रोडवेज प्रबन्धन में हड़कम्प मच गया। अगले दिन ही मुख्यालय से अधिकारी अजमेर आए तथा मामले का जायजा लेते अजयमेरू आगार के मुख्यप्रबन्धक का जयपुर तबादला कर दिया। इसके बाद रोडवेज ने हाईकोर्ट में बसों को रिलीज करवाने के लिए याचिका दायर की।
कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए बसों को रिलीज करने के आदेश दे दिए। रोडवेज अधिकारियों का कहना है कि हाईकोर्ट ने पूर्व में यह आदेश दिया था कि मेरिट के आधार पर कर्मचारियों के बकाया भुगतान के आदेश दिए थे। उसी अनुरूप भुगतान किया जा रहा है। बसों को गलत आधार पर सीज किया गया था। बसें कुर्क नहीं की जा सकती।
टीचर्स ट्रेनिंग के लिए होगी ये खास एजेन्सी… प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षक प्रशिक्षण, टीचर्स ट्रेनिंग को विश्वस्तरीय मानदंडों पर विकसित किए जाने के लिए राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (आरएससीईआरटी) का गठन किया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार की ओर से जारी गाइड लाइन के अनुसार गठित यह परिषद् राज्य में एकेडमिक थिंक टैंक के रूप में शिक्षण, प्रशिक्षण और शोध के कार्य करेगी।
शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी ने बताया कि राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान उदयपुर (एसआईईआरटी) के स्थान पर पुनर्गठित राजस्थान राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद्, आरएससीईआरटी राज्य में समस्त प्रकार के शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल एजेन्सी के रूप में कार्य करेगी।