पुलिस के अनुसार 2018 में मुम्बई से 14 महिलाओं को रेस्क्यू कर अजमेर लाया गया था। ये महिलाएं राजस्थान के टोंक जिले की रहने वाली है, लेकिन ये महिलाएं लम्बे समय से मुम्बई में किसी के दबाव में शोषण की जिन्दगी जी रही थी। सूचना मिलने पर मुम्बई पुलिस ने इन महिलाओं को वहां से मुक्त करवाया था। उन्हें अजमेर नारी निकेतन में आश्रय दिया गया लेकिन महिलाएं यहां रहना नहीं चाहती थी। मंगलवार शाम को भी महिलाओं ने बड़ा हंगामा किया और नारी निकेतन में तोडफ़ोड़ कर दी। शाम पौने 7 बजे महिला सुरक्षा गार्ड ने पानी भरने के लिए चेनल गेट खोला तो इस दरम्यिान महिला सुरक्षा गार्ड को धक्का देकर महिलाएं बाहर आ गई। हालांकि बाहर मौजूद पुरुष गार्ड ने तुरन्त चेनल गेट बंद कर अन्य महिलाओं को रोक दिया लेकिन 5 महिलाएं चेनल गेट से बाहर निकलने के बाद मुख्यद्वार के पास से दीवार फांदकर भाग गई। नारी निकेतन अधीक्षक अदिती माहेश्वरी की सूचना पर पुलिस उप अधीक्षक डॉ. प्रियंका, क्रिश्चियन गंज थानाप्रभारी दिनेश कुमावत ने मौका मुआयना किया। पुलिस ने पांचों महिलाओं की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने अधीक्षक की शिकायत पर मारपीट, राजकार्य में बाधा, सरकारी कर्मचारी पर हमला, सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा दर्ज किया है।
अलग-अलग लाई गई अजमेर पुलिस के अनुसार मुम्बई से इन महिलाओं को अलग-अलग लाया गया। मुम्बई पुलिस ने पहले पांच, फिर 9 महिलाओं को रेस्क्यू किया। अधिकांश महिलाएं टोंक जिले की रहने वाली है। ऐसे में उनको अजमेर के नारी निकेतन में आश्रय दिलाया गया लेकिन पिछले कुछ समय से महिलाएं नारी निकेतन में रखे जाने से नाराज थी। वे आए दिन हंगामा करती थी।
सुरक्षा की खुली पोल पांच महिलाओं के दीवार फांदकर भागने की घटना से नारी निकेतन की सुरक्षा व्यवस्था की पोल खुल गई। बताया जा रहा है कि नारी निकेतन के बाहर आगंतुकों के लिए प्रतिक्षालय बन रहा है। ऐसे में दीवार पर लगाए सुरक्षा तार हटा दिए गए। जिससे महिलाएं आसानी से दीवार फांदकर फरार हो गई।
इनका कहना है… नारी निकेतन में रेस्क्यू कर लाई गई महिलाओं ने पहले हंगामा कर मारपीट व तोडफ़ोड़ की। फिर पांच महिलाएं सुरक्षा गार्ड को धक्का देकर दीवार फांदकर भाग गई। अधीक्षक की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया है।
दिनेश कुमावत, थानाप्रभारी क्रिश्चियन गंज