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बहुत शानदार है यह कोर्स, शुरू हुआ तो स्टूडेंट्स को मिलेगा फायदा

locationअजमेरPublished: Jan 09, 2019 06:26:05 am

Submitted by:

raktim tiwari

www.patrika.com/rajasthan-news

BALLB course

BALLB course

अजमेर. विभिन्न संकाय में पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम की शुरुआत का इंतजार है। महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय की एकेडेमिक कौंसिल पाठ्यक्रम मंजूर कर चुकी है। विद्यार्थियों और कॉलेज को पाठ्यक्रम का इंतजार है।

विश्वविद्यालय के क्षेत्राधिकार में 280 से ज्यादा कॉलेज पंजीकृत हैं। इनमें अजमेर, टोंक, भीलवाड़ा और नागौर जिले के कॉलेज शामिल हैं। ज्यादातर कॉलेज में कला, वाणिज्य और विज्ञान संकाय के पारम्परिक पाठ्यक्रम ही संचालित हैं। इनमें हिंदी, अंग्रेजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित, एबीएसटी, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन, ईएएफएम और अन्य कोर्स शामिल हैं।
मंजूर किया था एकीकृत पाठ्यक्रम
विश्वविद्यालय की एकेडेमिक कौंसिल ने बीते साल जून में पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम को पारित किया था। विश्वविद्यालय से सम्बद्ध कॉलेज में पांच वर्षीय एकीकृत विधि पाठ्यक्रम की शुरुआत होनी है। इसमें बीए, बीएससी और बी.कॉम एलएलबी पाठ्यक्रम शामिल हैं। इन पाठ्यक्रमों की अवधि पांच वर्षीय रखी गई है। साथ ही बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण विद्यार्थियों को प्रवेश दिया जाना है।
उच्च शिक्षा विभाग को भेजना पड़ेगा पत्र
लॉ और अन्य सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम संचालन के लिए उच्च शिक्षा विभाग को पत्र भेजना पड़ेगा। वहां से मंजूरी मिलने के बाद ही सरकारी कॉलेज में पाठ्यक्रम शुरू हो सकता है। हालांकि निजी कॉलेज भी पाठ्यक्रम शुरू कर सकते हैं, लेकिन उन्हें विश्वविद्यालय में वांछित फीस, शिक्षकों की व्यवस्था और पाठ्यक्रम से जुड़ी औपचारिकता पूरी करनी होगी।
एकीकृत कोर्स से रोजगार के लिए यह क्षेत्र
-विधि सलाहकार अथवा विधि परामर्शी
-कॉरपॉरेट क्षेत्र-बहुराष्ट्रीय कम्पनियों में रोजगार
-श्रम एवं नियोजन विभाग
-न्यायिक क्षेत्र-सरकारी अथवा निजी प्रेक्टिस

पांच वर्षीय बीए, बीएससी और बी.कॉम एलएलबी पाठ्यक्रम को मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। एकीकृत विधि पाठ्यक्रम प्रारंभ होने पर विद्यार्थियों को फायदा होगा। रोजगार के नए क्षेत्र भी उपलब्ध होंगे। डॉ. डी. के. सिंह, कार्यवाहक प्राचार्य लॉ कॉलेज
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