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खास नजरों से फिजा देखेगी आपकी फिटनेस, कुछ सेकंड में हो जाएगा पूरा चेकअप

locationअजमेरPublished: Jun 13, 2018 03:58:55 pm

Submitted by:

raktim tiwari

फिटनेस जांच में कोई गड़बड़झाला नहीं हो सके। यहीं से वाहन मालिक को पॉल्यूशन कंट्रोल का प्रमाण पत्र भी मिल सकेगा।

transport dept

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ब्यावर

भारी व हलके वाहनों की फिटनेस जांच के लिए अब वाहन मालिकों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। फिटनेस के लिए जिला परिवहन कार्यालय के भी चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। परिवहन विभाग फिटनेस की जांच निजी हाथों में देने जा रहा है।
इसे फिजा नाम दिया गया है। फिटनेस सेंटर खोलने के लिए कंपनियां परिवहन विभाग से अनुबंध कर सकती हैं। फिटनेस जांच के लिए वर्कशॉप लगाने वाली एजेंसियों को पहले अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। यहां आने वाले हर वाहन की ऑनलाइन मशीनों से जांच होगी। मशीनें लगाने के लिए विभाग ने लंबे चौड़े भू-भाग का नक्शा तैयार करवाया है। इतना ही नहीं हर कार्य की जांच पर परिवहन विभाग की तीसरी नजर रहेगी। जिससे फिटनेस जांच में कोई गड़बड़झाला नहीं हो सके। यहीं से वाहन मालिक को पॉल्यूशन कंट्रोल का प्रमाण पत्र भी मिल सकेगा।
ये कर सकेंगे आवेदन
फिजा सेंटर खोलने के लिए आवेदन करने वालों की चार श्रेणियां परिवहन विभाग ने जारी की है। इनमें राजस्थान पथ परिवहन निगम, व्यक्तिगत या भागीदारी से, वाहन निर्माता कंपनी, वाहन डीलर्स अथवा रिपेयरिंग वर्कशॉप गैराज मालिक इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। इन सबसे विभाग इसकी जांच करेगा कि फिटनेस जांच का ठेका लेने वाली कंपनी के पास जोधपुर विश्वविद्यालय (एआईसीआईई) प्रावधायी शिक्षा जोधपुर मंडल का प्रमाण पत्र है या नहीं। आवेदन करने वाले जिस किसी कंपनी या व्यक्ति के फार्म में यह प्रमाण पत्र नहीं होगा उसे इस योजना में शामिल नहीं किया जा सकेगा।
ये रहेगी गाइड लाइन
– फिटनेस सेंटर खोलने के लिए कम से कम सवा करोड़ की राशि इंवेस्ट करनी होगी।

– फिटनेस सेंटर के लिए एक एकड़ तथा 18 मीटर चौड़ी जगह होना आवश्यक है।
– भारी वाहनों के लिए एचडी तथा हलके वाहनों के लिए एलडी लाइन सहित हलके व भारी दोनों वाहनों की एक ही लाइन बनाए जाने पर एलडी-एचडी लाइनें बनाई जाएगी।
– जांच का ठेका लेने वाले व्यक्ति को फिटनेस का पांच साल का अनुभव होना चाहिए।
-मुख्य गेट के निकट स्वागत कक्ष तथा सेनैट्री ब्लॉक लगवाए जाएंगे।

– निकासी व प्रवेश के लिए अलग-अलग गेट बनाए जाएंगे।
-लगातार शिकायतों के बाद अधिकारी बीच में लाइसेंस तक निरस्त कर सकेंगे।
तीसरी आंख से रखेंगे अधिकारी नजर
फिटनेस सेंटर पर वाहनों की जांच सही हो रही है या नहीं इसके लिए वहां पर सीसी टीवी कैमरे भी लगवाए जाएंगे। इन कैमरों को सॉफ्टवेयर से जिला परिवहन अधिकारी के कम्प्यूटर से जोड़ा जाएगा। इससे आरटीओ अपने कार्यालय में बैठे बैठे ही सेंटर पर नजर रख सकेंगे कि वाहनों की जांच सही हो रही है या नहीं। हालांकि तीन माह में एक बार सेंटर का अधिकारी जांच करेंगे।
कतार से मिलेगी निजात

इस योजना के शुरू होने के बाद जिला परिवहन कार्यालय के बाहर लगने वाली वाहनों की कतारों से निजात मिल सकेगी। ब्यावर में वाहनों का पंजीयन होने के बाद फिटनेस के लिए अजमेर जाना पड़ता है। इससे आने जाने में समय खराब होने के साथ ही डेढ़ सौ किलोमीटर ऑयल की खपत भी हो जाती है, लेकिन अब सेंटर यहीं खुलने के बाद इससे राहत मिल सकेगी।
फिटनेस सेंटर खोले जाने के लिए सभी को अवगत करवा दिया गया है। विभाग की वेबसाइट पर सभी जानकारी है। योजना शुरू होने से काम का लोड कम होने के साथ ही वाहन मालिकों को भी सुविधा मिलेगी, लेकिन मॉनिटरिंग पूरी तरह से विभाग की रहेगी।
त्रिलोकचंद मीणा, जिला परिवहन अधिकारी, ब्यावर
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