एलीवेटेड रोड निर्माण के वैल्डिग की चिंगारियां बीच सड़क पर गिरती रहती हैं। हाल ही एक माल वाहक वाहन पर वैल्डिग की चिंगारियां गिरने से उसमें रखा माल जलकर राख हो गया। कई कारें भी क्षतिग्रस्त हो चुकी है। ब्रिज निर्माण के कारण दिनभर सड़क पर पानी गिरता रहता है लोगों को मजबूरी में भीगते हुए इसके नीचे से गुजरना पड़ता है।
निर्माण में इस्तमाल हो रहे वाहन और मशीनरी सवालों के घेरे में एलीवेटेड रोड निर्माण में इस्तेमाल मशीनरी तथा वाहन सवालों के घेरे में है। कई वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र ही नहीं है। इसका नतीजा यह निकला कि गडर रखते समय खुद हाइड्रा मशीन ही गिर गई। इतना ही नहीं जहां भारत में दाएं हाथ की ड्राइविंग की मशीनें तथा वाहन बैन है लेकिन वह भी स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इन्हें काम में लिया जा रहा है। एक मशीन पर तो नंबर प्लेट भी नहीं है। अभियंताओं की ठेकेदारों का गठजोड़ जनता को भारी पड़ रहा है।
कमी सुधारने के बजाय बताने वाले को ही हटा दिया शहर वासियों के लिए यातायात को सुगम करने का स्मार्ट सिटी के सबसे बड़ा प्रोजेक्ट एलीवेटेड रोड है। स्मार्ट सिटी के अभियंताओं की देन है परियोजना पर सलाहकार कम्पनी पीएमसी पर 12:30 करोड़ रुपए का खर्चा करने बाद भी प्रोजेक्ट की मॉनिटर नहीं की गई। दो साल पूर्व केवल एक बार निरीक्षण किया गया जिसमें पूर्व में ही कमियों को उजागर कर दिया गया था। मगर स्मार्ट सिटी के अभियंताओं ने कमी सुधारने के बजाय बताने वाले टीम लीडर को ही रवाना कर दिया। सुरक्षा उपकरण केवल कागजों में ही सिमट कर रह गए।
7 दिन की जांच 20 दिन में भी पूर नहीं एलीवेटेड रोड सहित स्मार्ट सिटी के अन्य बड़े प्रोजेक्टों की जांच के लिए जिला कलक्टर ने नगर निगम के मुख्य अभियंता के नेतृत्व में कमेटी गठित की है। कमेटी को अपनी रिपोर्ट 7 दिन में देने के निर्देश दिए गए थे लेकिन कम्पनी 20 दिन बाद भी अपनी रिपोर्ट नहीं दे सकी।
इनका कहना है इस मामले में आरएसआरडीसी से रिपोर्ट मांगी गई है। क्या-क्या कमियां रहीं उसमें सुधार किया जाएगा। एफआईआर के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह के हादसे की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। कार्य को जल्द पूरा किया जाएगा।
अंश दीप, जिला कलक्टर एंव सीईओ स्मार्ट सिटी