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Corona effect- पुष्कर के कालबेलिया परिवारों के लिए विदेशी पर्यटकों से सोशल मीडिया पर गुहार- खाने के हैं लाले

locationअजमेरPublished: Apr 10, 2020 01:46:35 am

Submitted by:

baljeet singh

विभिन्न देशों के पर्यटकों से मांगी आर्थिक सहायता, प्रशासन ने किया आरोपों का खंडन

Corona effect- कालबेलिया परिवारों के लिए विदेशी पर्यटकों से सोशल मीडिया पर गुहार- खाने के हैं लाले

पुष्कर में रेलवे लाइन के पास रह रहा कालबेलिया परिवार। इन परिवारों ने विदेशी पर्यटकों से सोशल मीडिया पर लॉकडाउन में मदद की गुहार लगाई है।

पुष्कर (अजमेर). तीर्थनगरी और आसपास रेतीले धोरों में झोपडिय़ां बनाकर रह रहे करीब 200 कालबेलिया परिवारों के लिए लॉकडाउन के दौरान भोजन की व्यवस्था नहीं होना बताते हुए यहां रह रही एक विदेशी महिला पर्यटक ने विभिन्न देशों के पर्यटकों से सोशल मीडिया पर मदद की गुहार लगानी शुरू कर दी है। जबकि स्थानीय प्रशासन ने कालबेलिया परिवारों को पर्याप्त राहत सामग्री बांटने की बात कहते हुए आरोप को बेबुनियाद बताया है।
पुराने रंगनाथ मंदिर में अमरीका की नृत्यांगना कोलीना के शक्ति स्कूल ऑफ डान्स के ग्रुप में राखी कालबेलिया कालबेलिया डांस सिखाती है। वहीं कालेबेलिया बच्चों का स्कूल चलाने वाली क्रिस्टीना नाम की पर्यटक ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट भेजी है। इसमें पुष्कर में लॉकडाउन के दौरान कालबेलिया परिवारों के घरों में भोजन के लाले पडऩा बताते हुए पर्यटकों को 25 डॉलर प्रति परिवार एक माह के भोजन पैकेट देने की गुहार लगाई है। इस पोस्ट पर कई पर्यटकों ने सहानुभूति व्यक्त की है। खास बात तो यह है कि मदद राशि ऑनलाइन पे-पल से जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।
‘हम मर रहे भूखे’

लॉकडाउन के बाद से लेकर आज तक केवल दो बार पंचायत स्तर पर पांच किलो आटा दिया गया है। इसके बाद कोई मदद को नहीं आया। खाने के लाले पडऩे पर मैंने विदेशी पर्यटकों से मदद मांगी है।
-राखी कालबेलिया
लॉकडाउन में बाहर नहीं जा सकते है। हमारे पास खाने पीने का सामान नही है। भूखे मर रहे हैं सरकार को मदद करनी चाहिए। बच्चे बूढ़े महिलाएं परेशान हैं।
– लक्ष्मणनाथ

खाने-पीने के सामान की मदद की सख्त दरकार है। केवल आटे से काम नहीं चलता। दाल-मसाले, तेल नमक सभी खत्म हो रहे हैं। मदद मिलनी चाहिए।
-ममता व बनवारी सपेरा देवनगर रोड पुष्कर
‘छवि बिगाडऩे का प्रयास’

कालबेलिया परिवारों को मैं खुद जाकर भोजन सामग्री बांट कर आई थी। पंचायत से भी सामग्री के पैकेट दिलवाए गए हैं। सब कुछ रिकॉर्ड पर है। भोजन सामग्री नहीं देने के आरोप लगाकर सोशल मीडिया पर छवि खराब करने का प्रयास है। फिर भी यदि किसी को जरूरत है तो सम्पर्क करने पर राहत सामग्री दे दी जाएगी।
– देविका तोमर, उपखंड अधिकारी पुष्कर
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