अवाप्तशुदा जमीन का सौदा, नक्शा भी पास! अनुसंधान अधिकारी पारसमल ने बताया कि एसीबी को मिली शिकायत कि जांच में सामने आया कि वर्ष 2015 में प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल चौधरी, रामअवतार ने कोटड़ा बैरवा बस्ती स्थित 638 वगगर्ज जमीन महेन्द्र से खरीदी। उन्होंने नगर निगम से नक्शा पास करवाने के लिए भूखण्ड के तीन टुकड़े किए। दो-दो सौ वर्गगज के भूखण्ड उन्होंने पत्नियों को गिफ्ट डीड कर दी। जबकि 238 वर्गगज का भूखण्ड सोहनलाल ने स्वयं के नाम पर रखा। तीनों भूखण्डों का नगर निगम से अगस्त 2015 में नक्शा पास करवा लिया गया। जबकि उक्त भूमि 15 जुलाई 06 में नगर सुधार न्यास हरिभाऊ उपाध्याय नगर योजना में अवाप्तशुदा थी।
एसीबी की पड़ताल में आया कि प्रोपर्टी डीलर सोहनलाल चौधरी, रामअवतार ने निगम से नक्शा पास करवाने के बाद पत्नियों के नाम की गिफ्ट डीड को अपने नाम पर पूर्ण बिक्री अधिकार ले लिए। एक अप्रेल 2018 को तत्कालीन उप महापौर सम्पत सांखला को सोहनलाल ने जमीन करीब एक करोड़ में बेचान कर दी। ढाई-तीन माह बाद ही सांखला ने इकरारनामे से भूमि का आधा हिस्सा 55 लाख रुपए में भू-कारोबारी राजू लालवानी को बेच दिया। लालवानी ने एसीबी को मूल इकरनामा व अन्य दस्तावेज मुहैया कराए हैं। उधर पूर्व उपमहापौर सांखला ने एसीबी को निरस्त इकरारनामे की कॉपी दी है।
मैंने कोई सरकारी जमीन खरीदी ही नहीं। दलाल बेचने आया तो सौदा कर इकरारनामा किया। राजस्व के जानकारों को दस्तावेज दिखाए तो पसंद नहीं आए। इकरारनामे को निरस्त करवा दिया। मैं जमीन खरीदता तो पंजीयन कराता। जब मैंने पंजीयन कराया ही नहीं तो जमीन मेरी कैसे हुई। चुनावी मुद्दा बनाते हुए मुझे राजनैतिक षडय़ंत्र में फंसाया जा रहा है। जमीन का जिसने नक्शा पास कराया, रजिस्ट्रेशन कराया, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।