यह कमेटी 7 दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।कमेटी ने शुरु की जांच जिला कलक्टर के निर्देश पर गठित कमेटी ने अपनी जांच शुरु कर दी है। स्मार्ट सिटी के अतिरिक्त अभियंता अविनाश शर्मा स्वास्थ्य कारणों से एक माह के अवकाश पर चले गए गए हैं। वहीं अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने अपने मूल विभाग पीडब्ल्यूडी में जाने के लिए भी जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। अब अधिशासी अभियंता को प्रोजेक्टों की जांच करवानी पड़ेगी।
जिसने करवाए काम, उसी को सौंपी जांच जिला प्रशासन की ओर से पूर्व में जो जांच कमेटी गठित की गई थी। उसमें पीडब्ल्यूडी के एसई क्वालिटी कंट्रोल,एक्सईएन सिटी तथा एक्सईएन केकड़ी को लगाया गया था। बाद में इस जांच कमेटी को भंग कर दिया गया और नई जांच कमेटी बना दी। इस कमेटी में शामिल नगर निगम के मुख्य अभियंता अनिल विजयवर्गीय पूर्व में लम्बे समय तक स्मार्ट सिटी परियोजना में मुख्य अभियंता के पद पर रह चुके हैं। तत्कालीन जिला कलक्टर एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ प्रकाश राजपुरोहित ने विजयवर्गीय को स्मार्ट सिटी के मुख्य अभियंता के पद से हटा कर उनके मूल विभाग नगर निगम में भेज दिया था। अधिकतर प्रोजेक्टों के टेंडर व निर्माण कार्य उनके कार्यकाल में ही हुए हैं। जांच कमेटी में शामिल पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता के कार्यकाल में ही एलीवेेटेड रोड के पिलरों की नींव रखी गई थी।
प्रोजेक्टों में यह हैं खामियां स्मार्ट सिटी प्रोजेक्टों में नियम कायदे तो पर रखकर निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। बजरी के स्थान पर क्रेशर डस्ट, निम्न क्वालिटी का बिना अप्रूव्ड सरिया व सीमेंट लगाया जा रहा है। साइट पर गुणवत्ता जांच के लिए प्रयोगशालाएं भी नहीं है। प्रोजेक्टों के कागजी सेम्पल पास किए जा रहे हैं। एलीवेटेड रोड के पिलर निर्धारित गहराई तक नहीं है। निर्माण कार्य की तराई भी नहीं की जा रही है। जहां निर्माण कार्य देरी से चल रहे हैं वहीं इन प्रोजेक्टों पर करोड़ों रुपए की एडवासं राशि खर्च कर स्मार्ट सिटी की रैंकिग चमकाई जा रही है।
इनका कहना है जांच अभी अंडर वे है। इंनटर्नल एक्सरसाइज चल रही है। अभी इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता। जांच नियमानुसार ही होगी। अनिल विजयवर्गीय, जांच अधिकारी एवं मुख्य अभियंता नगर निगम