आया था कॉल
नाका मदार निवासी देवेन्द्र कुमार ने बताया कि एक फरवरी को उसको कॉल आया। जिसमें कॉलर ने खुद को बैंक से बोलने की बात कहते हुए डेबिट कार्ड बंद होने की जानकारी दी। उसने कार्ड को चालू रखने की स्थिति में उसको 16 डिजिट का नम्बर बताना होगा। इसके बाद आरोपी ने उससे उसके क्रेडिट कार्ड के साथ ओटीपी नम्बर भी हासिल कर लिए। जब उसके मोबाइल पर मैसेज आया तो ठगी का पता चला।
नाका मदार निवासी देवेन्द्र कुमार ने बताया कि एक फरवरी को उसको कॉल आया। जिसमें कॉलर ने खुद को बैंक से बोलने की बात कहते हुए डेबिट कार्ड बंद होने की जानकारी दी। उसने कार्ड को चालू रखने की स्थिति में उसको 16 डिजिट का नम्बर बताना होगा। इसके बाद आरोपी ने उससे उसके क्रेडिट कार्ड के साथ ओटीपी नम्बर भी हासिल कर लिए। जब उसके मोबाइल पर मैसेज आया तो ठगी का पता चला।
पुलिस ने किया चलता
उसने मामले में पहले बैंक और फिर अलवरगेट थाने में सम्पर्क किया, लेकिन पुलिस ने उसकी गलती बताते हुए चलता कर दिया। इसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक के यहां गुहार लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर मामले में ऑनलाइन शिकायत दी। वहीं अदालत में इस्तगासा दायर कर दिया। ऑन लाइन शिकायत के बाद पुलिस मामले में सक्रिय हुई और दो दिन पहले मामला दर्ज किया।
उसने मामले में पहले बैंक और फिर अलवरगेट थाने में सम्पर्क किया, लेकिन पुलिस ने उसकी गलती बताते हुए चलता कर दिया। इसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक के यहां गुहार लगाई लेकिन कोई जवाब नहीं आने पर मामले में ऑनलाइन शिकायत दी। वहीं अदालत में इस्तगासा दायर कर दिया। ऑन लाइन शिकायत के बाद पुलिस मामले में सक्रिय हुई और दो दिन पहले मामला दर्ज किया।
थोड़े-थोड़े कर निकाले
देवेन्द्र कुमार ने बताया कि ठग ने 9 हजार 999 सरीखी रकम निकाली। इस तरह उसके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 76 हजार 378 रुपए की रकम निकल गई। जब उसने मैसेज देखे तो रकम निकलने का पता चल सका।
देवेन्द्र कुमार ने बताया कि ठग ने 9 हजार 999 सरीखी रकम निकाली। इस तरह उसके डेबिट और क्रेडिट कार्ड से 76 हजार 378 रुपए की रकम निकल गई। जब उसने मैसेज देखे तो रकम निकलने का पता चल सका।