यूं किया था फर्जीवाड़ा आरोपी ने शारीरिक दक्षता परीक्षा में भर्ती होने आए राकेशचन्द गुर्जर(26) की जगह लिखित परीक्षा दी थी। जबकि शारीरिक दक्षता में राकेश स्वयं आ गया। जहां आरोपी की फोटो व बायोमैट्रिक में दाहिने हाथ का अंगूठा निशान मिलान नहीं हुआ। पुलिस ने ग्रुप केन्द्र-प्रथम के इंस्पेक्टर उत्तम कुमार शर्मा की रिपोर्ट पर 28 जनवरी को धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। तब मामले में फिजिकल टैस्ट देने आए अलवर के टहला सक्काला हाल नगला निवासी राकेशचन्द गुर्जर (26) पुत्र गोवर्धन गुर्जर, उसकी निशानदेही पर गिरोह के दलाल दौसा बसवा गुढ़ा कटला निवासी हरीकिशन माली और अलवर राजगढ़ कानेटी हाल नई दिल्ली पुष्प विहार सेक्टर नम्बर 4 निवासी मनमोहन मीणा को गिरफ्तार किया। प्रकरण में तब से पुलिस को मुख्य आरोपी राकेशचन्द की तलाश थी। कार्रवाई में सिपाही जगदीश, सुधीर कुमार, संतोष कुमार और धनपाल शामिल है।
ऐसे बनाते थे चेन
एसआई मेड़तिया ने बताया कि दलाल हरिकिशन माली रुपए लेकर लिखित परीक्षा में अन्य लड़कों को बैठाकर परीक्षा दिलाता है। सीआरपीएफ ग्रुप केन्द्र-प्रथम की जीडी कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थी राकेश चन्द गुर्जर ने हरिकिशन को डेढ़ लाख रुपए दिए। दलाल हरिकिशन ने दिल्ली में प्राइवेट जॉब करने वाले मनमोहन मीणा से सम्पर्क किया। उसने उसे एक लाख रुपए देकर मूलरूप से बिहार हाल दिल्ली में रहने वाले राहुल कुमार से मिलाया। उसने राहुल को लिखित परीक्षा में शामिल होने की एवज में 25 हजार रुपए दिए। प्रकरण में हरिकिशन और मनमोहन मीणा ने दलाल की भूमिका निभाई।