यह भी पढ़े………………………………………………………………
पूर्व विधायक जयपाल सहित तीन की याचिका मंजूर
सिटी मजिस्ट्रेट के पाबंद करने के आदेश निरस्त अजमेर. अपर जिला न्यायाधीश संख्या तीन ने पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल, पूर्व महापौर कमल बाकोलिया व पूर्व सरकारी वकील जितेन्द्र खेतावत की निगरानी याचिका को मंजूर करते हुए सिटी मजिस्ट्रेट के आदेश को निरस्त कर दिया है। अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट ने उक्त तीनों को 2 अप्रेल 2018 को शांति बनाए रखने के लिए छह माह के लिए पाबंद करने के आदेश दिए थे। इन आदेशों को वकील विवेक पाराशर व भरत शर्मा के जरिए सैशन अदालत में चुनौती दी गई थी। इसमें बताया कि आरोपित शांतिपूर्ण ढंग से जयपाल के निवास पर बैठे थे। इसके बावजूद इन्हें जबरन झूठी कार्रवाई करते हुए फंसाया गया। गौरतलब है कि एससीएसटी संघ की ओर से भारत बंद के दौरान डॉ. जयपाल के निवास पर बैठकर बंद के दौरान भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया गया था। बाद में आरोपितों को 151 के तहत गिरफ्तार कर उन्हें पाबंद करते हुए रिहा करने के आदेश दिए। आदेश के बाद डॉ. जयपाल ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे न्याय व मौलिक अधिकारों की जीत बताई। घटना वाले दिन उनके घर में जन्म दिन की पार्टी मना रहे थे। पुलिस ने जानबूझ कर समारोह में खलल डाल कर उन्हें गिरफ्तार किया।सार्वजनिक रास्ते पर निर्माण सामग्री डालने पर अदालत की शरण
अजमेर. स्वच्छता अभियान के ठेंगा दिखाने व अवरोध उत्पन्न करने के मामले में स्थायी लोक अदालत ने नगर निगम आयुक्त व ठेकेदार एचएस मेहता व पीडब्ल्यूडी के सहायक अभियंता सुभाष गोरा को नोटिस जारी करने के आदेश दिए। धौलाभाटा निवासी नवनीत संभरवाल ने वकील विवेक पाराशर व जिनेश सोनी के जरिए याचिका पेश की। इसमें बताया कि धौलाभाटा के मुख्य मार्ग पर विभिन्न इलाकों में निर्माण कार्य के लिए सड़कों पर ही ठेकेदार ने मशीनें लगा दी हैं और कंकरीट सीमेंट बजरी के मिक्सर से क्षेत्र में प्रदूषण हो रहा है। पानी एकत्र होने से मच्छर फैल रहे हैं। ट्रैक्टरों से पोल टूट गए हैं तथा वातावरण प्रदूषित हो रहा है। अदालत से ठेकेदार व संबंधित अधिकारियों को पाबंद करने व क्षेत्र में सफाई करने की प्रार्थना की है। अदालत ने विपक्षीगण को नोटिस जारी कर 9 जुलाई को जवाब देने के आदेश दिए हैं।