महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित आंगनबाड़ी केन्द्रों में आने वाले बच्चों को शाला पूर्व शिक्षा के साथ ही नाश्ता और पोषाहार दिया जाता है। प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण अभियान के अन्तर्गत इनोवेशन पायलट गतिविधि के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों पर न्यूट्रीगार्डन विकसित किए जाएंगे। जिनमें फल-सब्जी और औषधीय पौधे उगाए जाएंगे। ऑर्गेनिक खाद से यहां होने वाली पैदावार का उपयोग बच्चों के पोषाहार और स्वास्थ्य के लिए काम लिया जाएगा। आवश्यक होने पर गर्भवती, धात्री माताओं एवं कमजोर बच्चों को भी यहां से आपूर्ति की जा सकेगी। इसके लिए गत दिनों वीडियो कॉन्फ्रेस के माध्यम से आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
यह उगा सकते हैं फल आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बारिश में बैंगन, लाल मिर्ची, मूली, धनिया, भिंडी, लौकी, कद्दू, करेला, तुरई, खीरा, पालक, नींबू, चकुंदर और शकरकंद उगा सकते हैं। सर्दी में टमाटर, प्याज, पालक, फलिया, धनिया, पुदीना, गाजर, मैथी, पत्ता गोभी, फूल गोभी, मूली, मटर, नींबू, चकुंदर, अदरक, पपीता और ब्रॉकली उगाई जा सकेंगी। गर्मी में भिंडी, फलिया, बैंगन, मिर्च, ग्वार फली, नीबू, सहजन की फली, चुकंदर, करोंदा, करी पत्ता, अनार और अमरूद और औषधीय पौधे तुलसी, गिलोय एवं एलोवेरा का रोपण होगा।
केन्द्रों पर चारदीवारी जरूरी
आंगनबाड़ी केन्द्र पर पर्याप्त स्थान एवं बाउंड्रीवाल होना आवश्यक है। सरकारी और विभागीय भवनों में मनरेगा के तहत चारदीवारी का काम करवाया जा सकता है। न्यूट्रीगार्डन विकसित करने का कार्य सितम्बर 2020 तक पूर्ण किया जाना है। इसमें पंचायत, स्थानीय संगठनों एवं नागरिकों की भागीदारी ली जा सकती है।
जिले में इन जगहों पर चयन जिले में 1982 के करीब आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित हैं। जिनमें से 243 केन्द्रों का चयन न्यूट्री गार्डन विकसित करने के लिए किया गया है। इसमें अजमेर सिटी के 18, अंराई 26, भिनाय 19, ब्यावर सिटी 11, केकड़ी 29, किशनगढ़ ग्रामीण ं 7, मसूदा 50, पीसांगन 19, श्रीनगर में 19, पुष्कर 12 एवं सरवाड़ में 7 केन्द्रों का चयन किया गया है।