अब स्थिति यह है कि अतिक्रमण के साथ मिठाई विक्रेता सड़क पर भट्टी लगाकर नाश्ता और मिठाई बना रहे हैं। इससे सबसे बड़ा खतरा यह है कि अब भट्टियों के आस पास से पूरे दिन छोटे – छोटे बच्चे और बड़े बुजुर्ग गुजरते हैं। जो जरा से लापरवाही पर कभी भी किसी बड़े हादसे का शिकार बन सकते हैं।
इसको लेकर ना तो नगर पालिका प्रशासन कोई ध्यान दे रहा है और ना ही उपखंड प्रशासन इसको लेकर सचेत है। शहर के कई व्यस्त चौराहों पर मिठाई की दुकान पर दो से तीन भट्टियां लगाई जाती हैं, इन भट्टियों पर दिन भर नाश्ता और मिठाइयां बनती हैंं। वह भी घरेलू सिलैंडरों का उपयोग करके जिनको रोकने वाला कोई नहीं है। भट्टियों पर गर्म तेल हर वक्त कढाहियों में रहता है। ऐसे में इन भट्टियों के आसपास से ना केवल बाइक चालक, बल्कि स्कूली बच्चे और ट्यूशन जाने वाले छात्र एवं छात्रा दिनभर गुजरते हैं, जो कभी भी किसी बड़े हादसे का शिकार बन सकते हैं।
चिंता के इस विषय को लेकर ना तो नगरपालिका प्रशासन का कोई ध्यान है और ना ही उपखंड प्रशासन इसको लेकर कभी भी किसी कार्यवाही मूड में दिखा है। ऐसे में यह भट्टियां किसी भी दिन बड़े हादसे को घटित कर सकती है।