गणेश चतुर्थी : अजमेर जिले में नहीं सजे पांडाल, जुलूस, सामूहिक आयोजन निरस्त, मंदिरों में चहल-पहल गायब
विनायक मंदिरों में शृंगार के बाद हुई आरती, कोरोना संक्रमण के चलते नहीं सजे पांडाल, घर-घर में प्रथम पूज्य की हुई पूजा-अर्चना, केकड़ी, ब्यावर, किशनगढ़, सरवाड़,रूपनगढ़, मसूदा, भिनाय व अरांई के गणेश मंदिरों में नहीं हुए बड़े आयोजन

ajmer अजमेर. गणेश चतुर्थी पर इस साल कोरोना का साया रहा। अजमेर शहर में एक भी पांडाल नहीं सजा। गणेश प्रतिमा की कहीं भी स्थापना नहीं हुई। कहीं जुलूस नहीं निकला। ढोल-ढमाके का शोरगुल नदारद रहा।
गणेश मंदिरों में सुबह से ही चहल-पहल शुरू हो गई थी, लेकिन भीड़ जैसे हालात नहीं रहे। पुलिस ने लोगों को अधिक संख्या में एकत्र नहीं होने दिया। अजमेर शहर के नया बाजार स्थित गणेश मंदिर में थोड़ी भीड़ जरूर दिखी,लेकिन वह जल्दी-जल्दी छंटती रही। श्रीनगर पंचायत समिति के खोड़ा गणेश मंदिर में इस बार मेले का आयोजन नहीं हुआ। यहां दिनभर श्रद्धालु आते-जाते रहे। सोशल डिस्टेसिंग की पालना के तहत श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
घर-घर पूजा में दिखाई रूचि
अजमेर जिले को श्रद्धालुओं ने घर-घर पूजा में अधिक दिलचस्पी दिखाई। कोरोना के चलते मंदिरों में भजन संगीत के आयोजन नहींं हुए। केकड़ी शहर के जयपुर रोड स्थित गणेश मंदिर को विशेष रूप से सजाया गया, लेकिन श्रद्धालु भीड़ के रूप में नजर नहीं आए। महिला-पुरुष पूजा कर आते-जाते रहे। ब्यावर के गणेश मंदिरों में भी सुबह से ही पूजा-अर्चना का दौर शुरू हो गया था। घंटे-घडिय़ाल की गंूज के बीच प्रतिमा पर दुग्धाभिषेक हुआ।
सोशल डिस्टेसिंग की पालना
किशनगढ़ के विनायक मंदिरों में लोगों ने विशेष पूजा की, लेकिन सोशल डिस्टेसिंग का खास ध्यान रखा गया। रूपनगढ़ में प्रथम पूज्य की जयंती पर लोगों ने घर पर ही विशेष आराधना की। मसूदा, भिनाय, सरवाड़,श्रीनगर व अरांई में भी गणेश मंदिरों पर चहल-पहल कम थी।
शनिवार को प्रथम पूज्य और रिद्धी-सिद्धी के दाता गणेश का पारम्परिक तरीके से पूजन किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच घरों में गणपति प्रतिमाओं की स्थापना हुई। लोगों ने पार्वती नंदन को लड्डू-मोदक का भोग लगाकर पूजा अर्चना की। कोरोना संक्रमण के चलते मंदिरों में पुजारियों ने गणपति का शृंगार कर मंत्रोच्चार से आरती की।
मंदिरों में नहीं दिखे श्रद्धालु
अजमेर शहर के आगरा गेट स्थित प्राचीन गणेश मंदिर में सुबह ४ बजे मंगला आरती, ५ बजे नित्य आरती हुई। इसके बाद पुरोहितों ने गणपति अथर्वशीष से गणेश पूजन, लड्डू, फूल-माला चढ़ाकर मंगल कामना की। शास्त्रीनगर स्थित गणेशगढ़ मंदिर पर भी गणपति का पूजन हुआ।
आगरा गेट बालू गोमा गोला स्थित कार्यसिद्ध गणेश मंदिर में भी भोग लगाया गया। श्रद्धालुओं की नहीं आने से गणेश मंदिरों में हर बार की तरह रौनक नहीं दिखी। महाराष्ट्र मंडल के तत्वावधान में 138 वां गणेश महोत्सव नहीं हुआ। यहां रहने वाले परिवारों ने घरों में ही पारम्परिक पूजा-अर्चना की। कोरोना संक्रमण के चलते सार्वजनिक गणेश पांडाल नहीं सजे। गणेश प्रतिमाओं की स्थापना नहीं की गई।
बाजारों में दिखी रौनक, वाहन, इलेक्ट्रिक सामानों की खरीदारी
लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते सूने बाजारों में मामूली रौनक दिखी। कई लोगों ने नई कार, जीप, स्कूटी, बाइक खरीदकर गणेश मंदिरों के बाहर पूजन कराया। इसी तरह एलईडी, फ्रिज, लेपटॉप, मोबाइल, म्यूजिक सिस्टम, और अन्य इलेक्ट्रिानिक्स सामान, सर्राफा बाजार में सोने-चांदी के आभूषणष सिक्के खरीदे। मदार गेट, नया बाजार अैार पुरानी मंडी में साडिय़ों, रेडिमेड कपड़ों की खरीदारी की।
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