ब्रिटिशकाल में 1836 में स्थापित सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय देश और प्रदेश के प्रमुख संस्थानों में शामिल है। यहां 8 हजार से ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। प्राचार्य डॉ. एम.एल. अग्रवाल ने जनवरी 2019 से प्राचार्य पद संभाला था। शनिवार को वेबिनार में शिक्षाविदें ने उनके कार्यकाल की चर्चा की।डॉ. गौड़ को सौंपेंगे कार्यभारडॉ. अग्रवाल सोमवार को गणित विभाग की वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. नीलिमा गौड़ को प्राचार्य पद का कार्यभार सौंपेंगे। कॉलेज में उपाचार्य नहीं होने से उन्हें जिम्मेदारी दी जाएगी।
अब उच्च शिक्षा विभाग और कॉलेज शिक्षा निदेशालय को नया प्राचार्य तलाशना होगा। हाल में साल 2017-18 की डीपीसी के तहत कई कई स्नातकोत्तर/स्नातक कॉलेज के प्राचार्य पदोन्नत हुए हैं। इनमें से कई प्राचार्य एसपीसी-जीसीए में तैनाती को लेकर लॉबिंग में जुटे हैं।
संगठनों का रहा है दबदबा
राज्य में कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षक रुक्टा राष्ट्रीय और रुक्टा संगठन में बंटे हुए हैं। दोनों संगठन सरकार बदलने के साथ विभिन्न कॉलेज में प्राचार्य/उपाचार्य और शिक्षकों पद पर तैनाती की प्रक्रिया में सक्रिय रहते आए हैं।
राज्य में कॉलेज और विश्वविद्यालय शिक्षक रुक्टा राष्ट्रीय और रुक्टा संगठन में बंटे हुए हैं। दोनों संगठन सरकार बदलने के साथ विभिन्न कॉलेज में प्राचार्य/उपाचार्य और शिक्षकों पद पर तैनाती की प्रक्रिया में सक्रिय रहते आए हैं।
आरपीएससी चेयरमेन की पत्नी करेंगी अजमेर में ये खास काम… रक्तिम तिवारी/अजमेर. शहर के सार्वजनिक पुस्तकालय को अनुभवी शिक्षाविद् का लाभ मिल सकता है। राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यक्ष डॉ. भूपेंद्र यादव ने अपनी पत्नी को पुस्तकालय के लिए अच्छी किताबों का संकलन करने और इसे बेहतर बनाने को कहा है। इससे शहरवासियों, विद्यार्थियों, अधिकारियों और कर्मचारियों सहित आगंतुकों को अच्छी किताबें पढऩे का मौका मिलेगा।
तोपदड़ा में सार्वजनिक पुस्तकालय बना हुआ है। यहां नियमित पत्र-पत्रिकाएं मंगवनाने के अलावा कई विषयों और लेखकों की पुस्तकें ही रखी गई हैं। मौजूदा वक्त लाइब्रेरी का स्वरूप वैसा नहीं है, जिस तरह राज्य सचिवालय, कॉलेज, विश्वविद्यालय और अन्य शैक्षिक-सरकारी महकमों में होता है। ऐसा तब है जबकि अजमेर राज्य का शैक्षिक हब कहा जाता है। यहां रेलवे, बैंक, आरएएस-पुलिस और अन्य भर्ती परीक्षाओं के आयोजन होते हैं। सरकारी-निजी स्कूल-कॉलेज में हजारों विद्यार्थी पढ़ते हैं। विशेषज्ञों की आवाजाही होती है।