अजमेर

Good News: दूध-घी प्रोडक्शन में अजमेर डेयरी ने किया का कमाल

थोड़ा सा प्रयास किया जाए तो अजमेर डेयरी भारत में अग्रणीय बन सकती है।

अजमेरMay 28, 2020 / 09:05 am

raktim tiwari

milk and ghee production

चंद्रप्रकाश जोशी/रक्तिम तिवारी अजमेर.
कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान आर्थिक-वाणिज्यिक गतिविधियां भले ठप रहीं लेकिन अजमेर डेयरी ने विपरीत हालात में कामकाज बखूबी अंजाम दिया है। दूध-घी और अन्य डेयरी उत्पाद और पशुपालन ने लोगों को आत्मनिर्भरता की राह दिखाई है। थोड़ा सा प्रयास किया जाए तो अजमेर डेयरी भारत में अग्रणीय बन सकती है।
अजमेर जिले की आबादी करीब 25.83 लाख है। आम लोग, व्यापारी, हलवाई अजमेर डेयरी के अलावा अमूल और निजी डेयरी सहित पशुपालकों के दूध पर निर्भर हैं। 25 मार्च से 14 अप्रेल तक लॉकडाउन प्रथम, 15 अप्रेल से 3 मई तक लॉकडाउन द्वितीय और 4 से 17 मई तक लॉकडाउन तृतीय चरण रहा।
बनाए रखी दूध-घी सप्लाई
18 मई से मॉडिफाइड लॉकडाउन के पहले डेयरी, हलवाई, मावा व्यापारियों की दुकानें बंद थीं। दूध और घी की खपत दुकानों पर घटी, लेकिन घरेलू स्तर पर मांग कायम रही। दूध जीप, टैंकर और अन्य माध्यमों से अजमेर डेयरी ने मदर्स डेयरी दिल्ली के अलावा अजमेर, ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, पुष्कर सहित अन्य स्थानों पर लाखों टन घी और दूध पहुंचाया।
बन रहे एसएमपी घी संग्रहण प्लांट
राजस्थान और देश में घी की बढ़ती मांग को देखते हुए डेयरी चार एसएमपी घी संग्रण प्लांट बना रही है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने एक स्टोरेज प्लांट तैयार कर दिया है। यहां 5000 मेट्रिक टन घी संग्रहित किया जा सकता है। अजमेर डेयरी स्किम मिल्क पाउडर संग्रहण शुरू कर चुका है। परिवहन और अन्य बंदोबस्त में लगने वाले 50 लाख रुपए बच रहे हैं।
पशुपालकों को सहायता

ब्यावर, केकड़ी, किशनगढ़, पुष्कर, नसीराबाद, मसूदा, भिनाय उपखंड सहित अजमेर जिले में हजारों पशुपालक हैं। यह घरों, हलवाई की दुकानों, प्रतिष्ठानों तक दूध पहुंचाते हैं। लॉक डाउन से पशुपालकों पर भी संकट मंडराया। घरों में सप्लाई के बाद पशुपालकों के पास औसतन 5 से 10 लीटर दूध बचता रहा। डेयरी ने दूध खरीद के अलावा पशु आहार पहुंचाया।
जिले में घी-मिल्क पाउडर का उत्पादन
25000 मीट्रिक टन घी का प्रतिवर्ष उत्पान
10 मीट्रिक टन घी का उत्पादन प्रतिवर्ष पशुपालकों की ओर से
प्रतिवर्ष 2000 मीट्रिक टन दूध के पाउडर का उत्पादन

ग्रमीण रोजगार दे रही समितियां
डेयरी से जुड़ी करीब 800 सहकारी समितियां हैं। इनके माध्यम से करीब 70 हजार पशुपालक जुड़े हैं। सुदूर गांवों में समितियां रोजगार दे रही हैं।
भविष्य की योजनाएं…
मक्खन की टिकिया का उत्पादन जल्द होगा शुरू
मिल्क पाउडर के छोटेे पाऊच, जो हवाई जाहज ट्रेन में भी मिलेंगे
आइसक्रीम का उत्पादन होगा जल्द
वाइटर पाउडर बनेगा जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए होगा फायदेमंद
राजस्थान और देश मे देशी घी बढ़ती मांग को देखते हुए डेयरी चार एसएमपी घी संग्रहण प्लांट बना रही है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने एक प्लांट बना दिया है। इसमें 5000 मीट्रिक टन घी संग्रहित किया जा रहा हैठ। अजमेर डेयरी स्किम मिल्क पाउडर संग्रहण कर चुका है।
रामचंद्र चौधरी, अध्यक्ष अजमेर डेयरी
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