अब झील में मलबा डालने,अतिक्रमण करने, पानी को दूषित कर झील को नुकसान पहुंचाने वाली गतिविधियां पूर्णत: प्रतिबंधित रहेंगी। ऐसा करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। राजस्व ग्राम थोक तेलियान एवं कोटड़ा में फैली झील एवं इसके संरक्षित क्षेत्र में झील संरक्षण कार्यों को छोड़कर किसी तरह का निर्माण हटाना, खुदाई, अतिक्रमण, झील में मिट्टी की ग्रेडिंग या डी-ग्रेडिंग, यहां खनिज उत्खनन से संबंधित किसी भी तरह की कार्यवाही पर प्रतिबंध रहेगा। यहां मलबा डालना अन्य किसी तरह की तरल या धातु डालना भी प्रतिबंधित कर दिया गया है।
झील को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए भराव क्षेत्र तथा बाहर विविध गतिविधियां संचालित की जाएंगी। उन्होंने कहा कि झील में प्राधिकरण की अनुमति से पर्यटन के लिए बोटिंग, एडवेंचर वाटर गेम, फिशिंग, बर्ड सेंच्यूरी, बर्ड वाचिंग, हाईकिंग, बोटिंग, झील के किनारे घुड़सवारी, स्वीमिंग केनोइंग एवं साइकलिंग आदि हो सकेंगे। झील के किनारे ईको टयूरिज्म का विकास, मिट्टी की गुणवत्ता की जांच, वेट लेंड, परकोलेशन, वेजीटेशन, फ्लोरा एंड फोना से संबंधित कार्यवाही भी की जाएगी। झील के पानी का पेयजल, सिंचाई एवं अन्य कार्यों में उपयोग हो सकेगा। झील के किनारे सैर के लिए भी चौपाटी का निर्माण करवाया जा रहा है।
झील की चारदीवारी चिह्नीकरण के साथ झील की सुरक्षा, मरम्मत एवं सरंक्षण के कार्य करवाए जा सकेंगे। झील की सीमा के चिह्नीकरण के लिए थोड़ी-थोड़ी दूरी पर नीले रंग के स्थायी मुटाम लगाए जाएंगे। इससे झील के क्षेत्रफल की जानकारी आसानी से हो सकेगी। रीजनल कॉलेज से महावीर कॉलोनी तक पाथ-वे शीघ्र ही निर्मित किया जाएगा।
कलक्टर गोयल ने कहा कि झील संरक्षण के लिए विभिन्न प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजे जांएगे। इसके अन्तर्गत बेटी गौरान उद्यान एडीए के माध्यम से तथा एक्योरियम का निर्माण स्मार्ट सिटी के माध्यम से करवाया जाना प्रस्तावित है।