नगर के घरों में और फल-सब्जी विक्रेताओं को अब गीला और सूखा कचरा अगल से डस्टबीन में रखना होगा। नगर परिषद के अधिकारियों की ओर से इसका निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान कचरा अलग नहीं मिलने पर जुर्माना व कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
नगर परिषद की ओर से नगर में वर्तमान में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में गीला और सूखा कचरा सहित सभी तरह के वेस्ट को नगर परिषद की ओर से कचरा संग्रहण में लगाए गए डीपर में डाल दिया जाता है, लेकिन अब आगामी समय में ऐसा नहीं होगा। नगर परिषद आयुक्त भगवान सिंह ने बताया कि राज्य में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम प्रभावी किया गया है। शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बैठक में निर्णय लिया गया है। इसके तहत नगर परिषद की ओर से अब प्रत्येक मार्ग, पथ विक्रेता डिस्पोजल सामग्री, फल-सब्जी और घरों से निकलने वाले गीला और सूखे कचरे को अब अलग-अलग डस्टबिन में रखने के रखने के निर्देश दिए है। इसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कचरा अलग-अलग नहीं मिलने पर जुर्माना राशि वसूलने सहित कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नगर परिषद की ओर से इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नगर परिषद स्तर पर टीम का गठन किया गया है।
नगर परिषद की ओर से नगर में वर्तमान में घर-घर कचरा संग्रहण का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान में गीला और सूखा कचरा सहित सभी तरह के वेस्ट को नगर परिषद की ओर से कचरा संग्रहण में लगाए गए डीपर में डाल दिया जाता है, लेकिन अब आगामी समय में ऐसा नहीं होगा। नगर परिषद आयुक्त भगवान सिंह ने बताया कि राज्य में सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट नियम प्रभावी किया गया है। शासन सचिव स्वायत्त शासन विभाग की अध्यक्षता में गत दिनों हुई बैठक में निर्णय लिया गया है। इसके तहत नगर परिषद की ओर से अब प्रत्येक मार्ग, पथ विक्रेता डिस्पोजल सामग्री, फल-सब्जी और घरों से निकलने वाले गीला और सूखे कचरे को अब अलग-अलग डस्टबिन में रखने के रखने के निर्देश दिए है। इसका समय-समय पर निरीक्षण किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कचरा अलग-अलग नहीं मिलने पर जुर्माना राशि वसूलने सहित कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। नगर परिषद की ओर से इसके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नगर परिषद स्तर पर टीम का गठन किया गया है।
सरकार ने यह भी दिए निर्देश-
– कोई भी व्यक्ति 100 से अधिक व्यक्तियों का आयोजन बिना नगर परिषद की अनुमति नहीं कर सकेगा। अन्यथा निर्धारित नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।
– अस्पताल, होटल, रेस्टोरेंट, कृषि उपज मंडी, शिक्षण संस्थान, विवाह समारोह स्थल इत्यादि जहां प्रतिदिन 100 किलोग्राम कचरा उत्पन्न हो वे अपने स्तर पर अपशिष्ट को पृथक करना व कपोस्टिग के माध्यम से अपशिष्ट का निपटान किया जाना सुनिश्चित करेंगे।
– प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट नियम 2016 के तहत प्लास्टिक कैरी बैगस का उपयोग उत्पादन एवं जलाने पर राजस्थान ठोस अपशिष्ट उपविधि 2019 के अन्तर्गत जुर्माना एवं अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी।
-परिषद क्षेत्र में आने वाले 50 वर्गमीटर से 5000 वर्गमीटर व इससे अधिक संस्था, होटल, रेस्टोरेंट, निजी अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान इत्यादि से निर्धारित यूजर चार्जेस वसूल किया जाएगा।
– आम रास्तो, सार्वजनिक स्थलों, दुकानों, होटल, रेस्टोरेंट, शैक्षणिक संस्थानों, विवाह समारोह स्थलों के आस-पास कचरा पाया जाता है या निर्धारित स्थल पर कचरा नहीं डाला जाता है तो परिषद की ओर से नियमानुसार मौका जुर्माना व अभियोजन की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।